NEET Success story: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) देश में सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों स्टूडेंट इस एग्जाम में शामिल होते हैं। उन सबके बीच तमिलनाडु के स्टूडेंट प्रभंजन जे (Prabhanjan J) की सक्सेस स्टोरी इंस्पिरेशनल है। उन्होंने 720/720 मार्क्स के साथ NEET टॉप किया और यह उपलब्धि हासिल करने वाले तमिलनाडु के पहले स्टूडेंट बने। उन्हे आंध्र प्रदेश के बोरा वरुण चक्रवर्ती के साथ AIR 1 रैंक दी गई। दोनों ही स्टूडेंट्स ने NEET UG 2023 एग्जाम में 99.99 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए थे।

NEET-पैटर्न प्रश्नों को हल करने की प्रैक्टिस ने दिलाई सफलता

NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-यूजी) टॉपर का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबें एग्जाम की तैयारी करने वालों के लिए बाइबिल, कुरान और भगवदगीता से कम नहीं है। आम तौर पर लोग नीट एग्जाम को ​क्रैक करना ​कठिन मानते हैं। पर उनके लगातार सवालों को हल करने की प्रैक्टिस रंग लाई। वह 720 के परफेक्ट स्कोर का श्रेय NEET-पैटर्न प्रश्नों को लगातार हल करने की प्रैक्टिस को देते हैं। उनका दावा है कि एग्जाम के पैटर्न के अनुरुप सवालों के लगातार अभ्यास की वजह से वह टॉप स्कोर हासिल कर सके। प्रभंजन जे का कहना है कि मॉक टेस्ट देने से छात्र विभिन्न प्रकार के प्रश्नों से परिचित होते हैं। परीक्षा पैटर्न समझते हैं। जिससे उनका आत्मवश्विास बढ़ता है। 

10वीं स्टेट बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड से दी 12वीं की परीक्षा

आपको बता दें कि तमिलनाडु के विल्लुपुरम के रहने वाले प्रभंजन जे के पैरेंट्स सरकारी टीचर है। मां गणित और पिता इतिहास पढ़ाते हैं। वह 10वीं क्लास तक की पढ़ाई स्टेट बोर्ड से करने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में आ गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, 12वीं के एग्जाम में उन्होंने 500 में से 463 अंक हासिल किए थे। हॉयर सेकेंडरी एजूकेशन के दौरान वह चेन्नई के अयनमबक्कम में वेलाम्मल विद्यालय के हॉस्टल में रहते थे। इस दौरान प्रभंजन ने नीट एग्जाम क्रैक करने पर काम किया। इसी समय उनका किया गया प्रयास आगे काम आया। 

समझी अपनी ताकत और कमजोरी

प्रभंजन जे को परिवार का सपोर्ट था। मॉं मीना जे और पिता रवि जे ने उनके टैलेंट को पहचाना और उनका उत्साह बढ़ाया। प्रभंजन जे ने नीट एग्जाम की तैयारियों के दौरान अपनी ताकत और कमजोरियों को समझा और उस पर काम किया। उन्हें लोगों से भी चीजों को समझने में काफी मदद मिली। प्रभंजन अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा शिक्षकों को देते हुए कहते हैं कि उन्हें 360 डिग्री सपोर्ट मिला और ऐसे माहौल के बीच प्रभंजन ने अपना लक्ष्य हासिल किया।

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