पूरे देश में #MeToo अभियान को लेकर बखेड़ा खड़ा हो रखा है। बॉलीवुड, मीडिया से होते हुए यह तूफान सियासत की दहलीज पर दस्तक दे चुका है। केंद्र सरकार के एक राज्यमंत्री भी इसे लेकर गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस सवाल पर बचकर निकल जाएं तो बात हैरान करने वाली है। 

ऐसा नजारा बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान देखने को मिला। राफेल को लेकर फ्रांसीसी मीडिया में हुए कथित खुलासे को आधार बनाकर राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। यहां तक कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप तक लगा दिए। लेकिन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब उनसे  #MeToo में एक केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगने के बारे में पूछा गया तो वह बस यह कहकर निकल गए कि '#MeToo एक बड़ा मुद्दा है। मैं इस पर आगे कभी प्रेस कांफ्रेंस में बात करूंगा।'

मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका न चूकने वाले राहुल का #MeToo के सवाल पर कन्नी काट जाना हैरान करने वाला है। ऐसा तब है जब कांग्रेस ने विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर आरोप लगने के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। 

देखिए कैसे #MeToo पर कन्नी काट गए राहुल

दरअसल, कांग्रेस पार्टी के दामन पर यौन उत्पीड़न के छींटे हैं। पिछले महीने कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के अध्यक्ष फेरोज खान के खिलाफ नई दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में उनकी पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। 

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘आरोपी हमेशा मुझे गलत समय पर बेंगलुरु में अपने होटल के कमरे में बुलाता था। खास तौर पर आधी रात को, लेकिन मैं अक्सर उसके बुलावे को नजरअंदाज कर देती थी या मना कर देती थी। लेकिन वह मुझे लगातार होटल के कमरे में बुलाता रहा।’

शिकायतकर्ता ने कहा, ‘मैनें इस मामले में कांग्रेस में भी शिकायत की, उन्होंने इसके लिए एक कमिटी भी बनाई, लेकिन यह सिर्फ आरोपी को बचाने कवायद मे लगी रही और कोई कार्रवाई नहीं की। मैं इस मामले को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भी गई। लेकिन उन्होंने कार्रवाई होने तक इंतजार करने के लिए कहा। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि मुझे शिकायत दर्ज कराए हुए 80 दिन हो चुके हैं। मैने 12 जून को शिकायत की थी।’  

शिकायतकर्ता ने आगे कहा, ‘मैं मानसिक तनाव झेल रही हूं और फेरोज खान से अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हूं, क्योंकि वह मुझे या मेरे परिवार को शारीरिक, मानसिक या किसी भी दूसरे तरीके से क्षति पहुंचा सकता है।’  कुछ और महिलाओं ने फेरोज खान के खिलाफ चुप्पी तोड़ी है।

इससे पहले, कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के अहम सदस्य चिराग पटनायक पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं।  पीड़िता के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की शिकायत कमेटी को मामला भेजने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे मैं हैरान थी। पीड़िता के मुताबिक, 'इस घिनौने मामले के बाद मैंने हिम्मत करके शिकायत की, जबकि मुझे मालूम था कि उस गंदे माहौल से मेरे पक्ष में कुछ नहीं आएगा। मेरा पहले का अनुभव भी खराब रहा। मैंने इस उम्मीद में शिकायत की कि कम से कम राहुल गांधी इस मामले को गंभीरता से लेंगे लेकिन अफसोस वहां से मेरे मेल की रिसिविंग भी नहीं मिली।'

पीड़िता ने कहा कि जांच के नाम पर मजाक किया गया। उसने कहा, 'सोशल मीडिया सेल की मुखिया दिव्या स्पंदना ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया। लेकिन 24 घंटे के अंदर ही जांच के नाम पर खेल हो गया। क्या यही निष्पक्ष जांच थी? क्या दिव्या स्पंदाना मेरे इस शोषण में भागीदार नहीं हैं?'

पीड़िता ने माय नेशन को सुनाई थी आपबीती - कांग्रेस में मेरा शोषण हुआ राहुल ने मुझे निराश किया- सेक्सगेट पीड़िता