राजस्थान में एक चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी की विवादित टिप्पणी के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है। पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की जाति को लेकर की गई इस टिप्पणी के बाद उठे सियासी विवाद के बाद जोशी ने माफी मांग ली है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोशी के इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताने के बाद उनसे खेद प्रकट करने को कहा था। 

जोशी के इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसपर बंटवारे की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इसके बाद राहुल गांधी ने एक बयान में कहा, 'सीपी जोशी का बयान कांग्रेस के मूल्यों के खिलाफ है। पार्टी नेताओं को ऐसे बयान से परहेज करना चाहिए जिससे किसी वर्ग को ठेस पहुंचती हो। मुझे उम्मीद है कि जोशी पार्टी के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए अपनी गलती का अहसास कर रहे होंगे। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।' 

राहुल की फटकार के बाद जोशी ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस के सिद्धांतों एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं।' 

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर दिखावे की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस बार-बार दिखावा कर रही है। तुष्टिकरण की राजनीति कांग्रेस करती रही है और अब जाति और धर्म की राजनीति को आगे बढ़ा रही है। बंटवारे की राजनीति को कांग्रेस बढ़ावा दे रही है।' 

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जोशी ने नाथद्वारा में कहा था, 'उमा भारतीजी की जाति मालूम है किसी को? ऋतंभरा की जाति क्या किसी को मालूम है? इस देश में धर्म के बारे में कोई जानता है तो पंडित जानते हैं। अजीब देश हो गया। इस देश में उमा भारती लोधी समाज की हैं, वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं। साध्वीजी किस धर्म की हैं? वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं। नरेंद्र मोदीजी किसी धर्म के हैं, हिन्दू धर्म की बात कर रहे हैं। 50 साल में इनकी अक्ल बाहर निकल गई।'