लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग का दौर शुरू है। 13 मई को चौथे चरण का मतदान होगा। इस चरण में कानुपर में भी वोट डाले जाएंगे। जिसमें कानपुर का बिकरू गांव भी आता है, जहां कभी विकास दुबे का काला साम्राज्य हुआ करता था। विकास दुबे का तो खात्मा हो गया, लेकिन उसकी हरकत का खामियाजा आज भी इस गांव का हर घर भुगत रहा है।

Lok Sabha election 2024: 3 साल 11 महीने बाद भी सता रहा है ग्रामीणों काे डर
बिकरू गांव के लोगों को उस घटना के बाद ऐसी सरकारी चोट लगी कि जिसका दर्द आज 3 साल 11 महीने बाद भी हर घर महसूस कर रहा है और कराह रहा है, लेकिन मजाल है कि मुंह खोल दे। दबी जुबान से इतना जरूर कहते हैं कि कहने को तो हम आजाद हैं, लेकिन ये आजादी गुलामी से भी बदतर है। ग्रामीणों का कहना है कि हम आजाद हैं, मगर बेखौफ नहीं है।

 

Lok Sabha election 2024: गांव में घुसते ही दिखता है विकास दुबे का आलीशान घर
कानपुर का बिकरू गांव 2020 में अचानक राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया, जब 3 जुलाई की तड़के गैंगस्टर विकास दुबे और उसके लोगों ने 8 पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी।इस हत्याकांड से आक्रोश फैल गया और एक सप्ताह के भीतर विकास दुबे सहित 6 आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। 23 को दोषी ठहराया गया है। कई अन्य जेल में हैं। गांव में घुसते ही आधा ढह चुका विकास दुबे का आलीशान घर उसके बादशाहत की गवाही देता है।

Lok Sabha election 2024: बिकरू गांव का हर घर है प्रभावित
नाम न छापने की शर्त पर एक बुजुर्ग ने बताया कि यह घटना आज तक हर घर को परेशान करती है। हर घर से कोई न कोई जेल में है या मारा गया है या भागा हुआ है। यहां तक ​​कि वे भी जो दुबे से संबंधित या जुड़े हुए नहीं हैं। पुलिस कभी-कभी यहां पूछताछ करने आती है जिससे लोगों में हमेशा भय बना रहता है। उसके गिरोह के कुछ सदस्य अभी भी सक्रिय हैं और हम उनसे भी डरते हैं।

Lok Sabha election 2024: 13 मई को लोकसभा चुनाव में अपने पसंद की पार्टी को वोट डालेंगे ग्रामीण
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत कानपुर में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। इस बार बिकरू में एकमात्र अंतर यह है कि लोग अब अपनी राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशी चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले हमें उस पार्टी को वोट देना पड़ता था, जिसका झंडा विकास दुबे के घर पर फहराया जाता था। यहां किसी ने प्रचार नहीं किया और गांव ने दुबे की इच्छा के अनुसार मतदान किया। इस बार हम जहां चाहें वोट कर सकते हैं, लेकिन यहां बहुत कम प्रत्याशी प्रचार करने आए हैं। 

 

Lok Sabha election 2024: ग्रामीणों का आरोप अभी भी परेशान कर रही पुलिस
गांव में खेलने वाले बच्चे भी अजनबियों को देखकर सतर्क हो जाते हैं। यदि कोई उन्हें पुकारता है तो वे भाग जाते हैं। लखनऊ में छिपकर रह रहे विकास दुबे के दूर के रिश्तेदार ने बताया कि आप कहते हैं कि बिकरू आज़ाद है, लेकिन हम सभी डर में जी रहे हैं। नरसंहार के लगभग 4 साल होने के बावजूद पुलिस हमें परेशान करने आती है। हम बस यही चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले और निर्दोष को परेशान न किया जाए। एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे 3 साल बाद जेल से बाहर आई हैं, लेकिन वह आज बात करने काे तैयार नहीं हैं। 


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