India 4 Month Old Billionaire: इन्फोसिस का सबसे कम उम्र का स्टाक होल्डर Ekagra, जिसे दादा ने दी अनोखी भेंट

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Mar 19, 2024, 9:10 AM IST

इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक ऐसे अनोखे काम से सुर्खियां बटोरी हैं, जिसने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। अपने 4 महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को इंफोसिस के 240 करोड़ रुपये के शेयर उपहार में दिया है। इसके बाद से एकाग्र देश के सबसे कम उम्र के अरबपति बन गए हैं। 

नई दिल्ली। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक ऐसे अनोखे काम से सुर्खियां बटोरी हैं, जिसने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। अपने 4 महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को इंफोसिस के 240 करोड़ रुपये के शेयर उपहार में देने की खबर ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। जिससे आईटी दिग्गज में सबसे कम उम्र के स्टाकहोल्डर के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में बढ़ गई है। 

 

रोहन के बेटे हैं एकाग्र मूर्ति
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 15 लाख शेयरों का आश्चर्यजनक उपहार आईटी दिग्गज इंफोसिस में 0.04 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। एकाग्र राेहन मूर्ति को यह उपहार उसके दादा नारायण मूर्ति ने एक ऑफ-मार्केट लेन देन में दिया है। एकाग्र का जन्म नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और बहू अपर्णा कृष्णन के घर पिछले साल 10 नवंबर को बेंगलुरु में हुआ था।

 

इंफोसिस में नारायण मूर्ति की हिस्सेदारी
इस सौदे के बाद अब इंफोसिस में मूर्ति की हिस्सेदारी घटकर 0.36 फीसदी रह गई है। नारायण मूर्ति की बेटी और इंग्लैड के प्रधानमंत्री श्रृषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति की भी इंफोसिस में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। जिससे परिवार का प्रसिद्ध आईटी कंपनी से संबंध और मजबूत हो गया है। एकाग्र अपने भाई-बहनों कृष्णा और अनुष्का की श्रेणी में शामिल हो गए हैं, जो नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति के पोते हैं। 

 

दादी सुधा कृष्णमूर्ति ने IT कंपनी के लिए पति को दिए थे 10 हजार रुपए
हाल ही में शपथ लेने वाली राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने हाल ही में याद किया कि कैसे उन्होंने आईटी कंपनी इंफोसिस शुरू करने के लिए अपने पति एनआर नारायण मूर्ति को प्रारंभिक पूंजी के रूप में 10,000 रुपये दिए थे, लेकिन अपनी बचत निधि से 250 रुपये रखने का फैसला किया था। क्योंकि उन्हें लगा कि वह "जोखिम" ले रही हैं। 

1981 में शुरू हुई थी इन्फोसिस कंपनी
सुधा मूर्ति ने बताया कि 1981 में जब उनके पति ने उनसे कहा था कि वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करना चाहते हैं, तो उन्होंने तर्क दिया था कि दोनों के पास पहले से ही अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां हैं। फिर कंपनी शुरू करने की क्या जरूरत है, लेकिन पति की जिद थी कि वह अपना बिजनेश शुरू करना चाहते है। इसलिए उन्होंने अपने पति का साथ दिया और आज इंफोसिस सफलता के शिखर पर है। 

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