ये हैं IAS-PCS बनने वालों के गुरु, बड़े-बड़ों का सपना होता है इनसे पढ़ना 

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Sep 5, 2023, 10:33 AM IST

आज हम आपको ऐसी शख्सियितों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने शिक्षा देने की कला की वजह से देश भर में मशहूर हैं। बड़े-बड़े लोगों का सपना उनसे शिक्षा पाना होता है। हर साल हजारो विद्यार्थी इसके लिए कोशिश भी करते हैं। उनके पढ़ाए बच्चे आज देश भर में आईएएस-पीसीएस और सिविल सर्विसेज के ​विभिन्न कॉडर मे हैं।

नई दिल्ली। आज हम आपको ऐसी शख्सियितों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने शिक्षा देने की कला की वजह से देश भर में मशहूर हैं। बड़े-बड़े लोगों का सपना उनसे शिक्षा पाना होता है। हर साल हजारो विद्यार्थी इसके लिए कोशिश भी करते हैं। उनके पढ़ाए बच्चे आज देश भर में आईएएस-पीसीएस और सिविल सर्विसेज के ​विभिन्न कॉडर मे हैं। हम बात कर रहे हैं दृष्टि IAS कोचिंग के डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर और IQRA कोचिंग के अवध ओझा सर की। दोनों टीचर्स के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनके मार्गदर्शन से हजारों छात्र अपनी मंजिल तक पहुंचे हैं। 

कौन हैं विकास दिव्यकीर्ति? (Who is Dr. Vikas Divyakirti)

UPSC एस्पिरेंट्स डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति को अच्छी तरह जानते हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को बहुत ही सरल अंदाज में पढ़ाते हैं। सोशल मीडिया पर उनके फालोवर्स की संख्या भी काफी है। देश भर में काम कर रहे तमाम ब्यूरोक्रेट्स ने उनसे शिक्षा ली है। वह दृष्टि आईएएस नाम से कोचिंग सेंटर चलाते हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने भी यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया था। पर कुछ ऐसा हुआ कि वह नौकरी छोड़कर हिंदी माध्यम से सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले एस्पिरेंट्स को पढ़ाने लगे। 

 

दृष्टि आईएएस कोचिंग कब शुरु हुई?

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने साल 1996 में यूपीएससी का फॉर्म भरा और दिलचस्प यह रहा कि साल 1997 में यूपीएससी इंटरव्यू दिया और नतीजे आने से पहले शादी कर ली। 4 जून 1998 को यूपीएससी का फाइनल रिजल्ट आया। उन्हें 384वीं रैंक हासिल हुई थी। उस समय आईएएस और आईपीएस की 56 और 36 सीटें ही थीं। इसलिए उन्हें सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस (CSS) का आप्शन मिला। साल 1999 में उन्होंने CSS ज्वाइन भी कर ली। पर 4-5 महीने में ही इस्तीफा दे दिया और शिवाजी कॉलेज में टीचिंग की जॉब के लिए ट्राई किया, पर वह इसलिए नहीं मिल सकी, क्योंकि साल 2001 में उन्हें रिलीविंग लेटर नहीं मिला था। उन्होंने हिंदी पढ़ाना शुरु किया और फिर दृष्टि आईएएस कोचिंग अस्तित्व में आई। 

हरियाणा के मीडिल क्लास फैमिली में जन्में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जन्म हरियाणा के एक मीडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पैरेंट्स हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रह चुके हैं। यही वजह है कि बचपन से ही उनकी रूचि हिंदी में रही। दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी भी की। 

कौन हैं अवध ओझा सर? (Who is Awadh Ojha)

यूपी के गोंडा में जन्मे अवध ओझा का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है। वह आनलाइन भी बच्चों को यूपीएससी की तैयारी करते हैं। उनके वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहते हैं। वह एक करियर काउंसलर भी हैं। कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में उन्होंने यूट्यूब पर बच्चों को पढ़ाना शुरु किया और रातों रात मशहूर हो गए।

 

अवध ओझा क्रैक नहीं कर पाएं UPSC

अवध ओझा के पढ़ाने का अंदाज लोगों को खूब भाता है। उनके पैरेंट्स चाहते थे कि अवध ओझा मेडिकल फील्ड में जाए पर उनकी रूचि नहीं थी। इलाहाबाद जाकर पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। बस, उन्हीं को देखकर अवध ओझा ने भी यूपीसएससी की तैयारी शुरु कर दी। कई अटेम्पट दिएं, पर एग्जाम क्रैक करने में असफल रहें।

कैसे हुई UPSC कोचिंग की शुरुआत? 

अवध ओझा ने इलाहाबाद में बच्चों को हिस्ट्री पढ़ाना शुरु किया। बच्चों को उनके पढ़ाने का अंदाज भाने लगा। साल 2005 में वह दिल्ली आए और मुखर्जी नगर में UPSC कोचिंग की शुरुआत की। हालांकि उस समय किराया देने तक के पैसे नहीं थे। सात महीने तक बारटेंडर की जॉब की। दिन में बच्चों को पढ़ाते थे। धीरे धीरे मशहूर हो गए। साल 2109 में पुणे में इकरा कोचिंग की शुरुआत की। मौजूदा समय में उनकी कोचिंग में सैकड़ों बच्चे यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करते हैं।

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