UP में एक कवि को 6 घंटे रखा गया डिजिटल अरेस्ट, फिर जो हुआ वो था चौंकाने वाला- बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

First Published Jul 10, 2024, 11:42 AM IST

Digital Arrest Scam: डिजिटल वर्ल्ड में साइबर ठग अपना शिकार बनाने के लिए परडे नये-नये तरीका आजमाते रहते हैं और उनकी जाल में फंसकर लोग लाखों करोड़ों गंवाते भी जा रहे हैं। हाईटेक टेक्नोलॉजी के जरिए साइबर क्रिमिनल कहीं दूर बैठकर ही लोगों को लूट ले रहे हैं और पुलिस लकीर की फकीर बनी रह रही है। 

Digital Arrest Scam: डिजिटल वर्ल्ड में साइबर ठग अपना शिकार बनाने के लिए परडे नये-नये तरीका आजमाते रहते हैं और उनकी जाल में फंसकर लोग लाखों करोड़ों गंवाते भी जा रहे हैं। हाईटेक टेक्नोलॉजी के जरिए साइबर क्रिमिनल कहीं दूर बैठकर ही लोगों को लूट ले रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है? इसके बारे में डिटेल में जानकारी देंगे।

CBI इंस्पेक्टर बनकर किया वीडियो काल, सुनी कविताएं, फिर दी धमकी

लखनऊ में रहने वाले जाने माने राईटर नरेश सक्सेना को साइबर क्रिमिनलों ने 6 घंटे तक उनके कमरे में ही डिजिटल अरेस्ट करके रखा। उन्हें मनी लॉड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी देकर कविताएं सुनते रहे। गोमती नगर थाने में दर्ज FIR के मुताबिक नरेश सक्सेना 7 जुलाई को एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए घर से निकलने वाले थे, तभी उनके मोबाइल पर एक वीडियो काल आई। कालर ने खुद को  CBI इंस्पेक्टर रोहन शर्मा बताया।

साइबर ठग ने कवि से कहा कि मनी लॉड्रिंग केस में जारी हो चुका है गिरफ्तारी वारंट

उसने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके मुंबई में एक बैंक एकाउंट खोला गया है, इसके जरिए करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। मुंबई के एक पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज है। इसके बाद उस व्यक्ति ने उनके आधार कार्ड की भी जांच की और उनके बैंक एकाउंट का नंबर, उनमें मौजूद धनराशि, ट्रांजेक्शन, इनकम, इन्वेस्ट और इनकम टैक्स रिटर्न से संबंधित सवाल पूछे। बहू ने मोबाइल छीनकर कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।

आखिर क्या है डिजिटल अरेस्ट?

डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का हाईटेक तरीका है। साइबर स्कैमर ब्लैकमेलिंग का खेल खेलते हैं। जो उनकी जाल में फंस जाते हैं। डिजिटल अरेस्टिंग में साइबर ठग वीडियो कॉल के जरिए आप पर हावी होता है और आपको घर में ही बंधक बना लेता है। सबसे पहले ठग पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल करता है। फिर आधार, सिम, बैंक अकाउंट का यूज किसी गैरकानूनी काम के लिए धमकाता है। यहां से आपको डराने-धमकाने का खेल शुरु करता है।

प्रेशर बनाने के लिए साइबर फ्रॉड अपनाते हैं ये हथकंडा

साइबर ठग गिरफ्तारी का डर दिखाकर आपको घर में ही कैद कर देते हैं। साइबर फ्रॉड वीडियो कॉलिंग के दौरान अपने बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह ही दिखाते हैं, जिससे पीड़ित डर जाता है। साइबर फ्रॉड  जमानत की बात कहकर आपसे ठगी शुरु करते हैं। वीडियो कॉल से न हटने देता है ना ही किसी को कॉल करने देते हैं।

कहां दर्ज कराएं शिकायत?

जांच एजेंसी या पुलिस आपको कॉल करके धमकी नहीं देती है। जांच एजेंसी या पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करती है। अगर आपको भी डराने-धमके के लिए इस तरह के कॉल आते हैं तो आप तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें, या फिर 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा सोशल मीडिया साइट एक्स पर @cyberdost के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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