डायबिटीज पेशेंट्स के लिए खुशखबरी, चाइनीज रिसर्चर का कमाल, 33 महीनों से डायबिटीज पेशेंट ने नहीं लिया इंसुलिन

By Bhawana tripathi  |  First Published May 27, 2024, 12:14 PM IST

Cell Therapy for Diabetes: आजतक आपने ये सुना होगा कि अगर डायबिटीज हो जाए तो उसे बिल्कुल ठीक नहीं किया जा सकता बल्कि रिवर्स किया जा सकता है। चाइनीज रिसर्चर्स ने एक पेशेंट को सेल थेरिपी देकर डायबिटीज बिल्कुल ठीक कर दिया है। 33 महीनों से पेशेंट बिना के इंसुलिन हेल्दी लाइफ जी रहा है।  

हेल्थ। चीन के रिसर्चर्स ने डायबिटीज के इलाज में सफलता पा ली है। चीनी वैज्ञानिकों ने इनोवेटिव सेल थेरिपी (innovative cell therapy) का इस्तेमाल कर डायबिटीज पेशेंट की जान बचाई है। शंघाई चांगझेंग अस्पताल, चाइनीज साइंस एकेडमी की ओर से पब्लिश जर्नल में इस बात की जानकारी दी गई। 

डायबिटीज में सेल थेरिपी का इस्तेमाल

साउथ चाइना मॉर्निंग रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि पेशेंट को जुलाई 2021 में सेल ट्रांसप्लांट किया गया था। करीब 11 सप्ताह बाद पेशेंट की एक्सटरनल इंसुलिन डिपेंडेंसी खत्म हो गई। यानी व्यक्ति को बाहरी तौर पर किसी भी तरह की इंसुलिन नहीं दी गई। साथ ही पेशेंट ने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने वाली ओरल मेडिसिन लेना भी बंद कर दिया गया। जांच के पता चला कि पेशेंट करीब 33 महीनों से बिना इंसुलिन लिए स्वस्थय है। इस बात से साफ जाहिर है कि डायबिटीज पेशेंट के लिए वाकई ये खुशखबरी से कम नहीं है। डायबिटीज में सेल थेरिपी का इस्तेमाल (Cell Therapy for Diabetes) प्रभावी साबित हो रहा है।  

डायबिटीज की बीमारी का नया इलाज है सेल थेरिपी

डायबिटीज एक क्रोनिक कंडीनशन है जिसके कारण शरीर की खाने को एनर्जी में चेंज करने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। अगर समय रहते व्यक्ति मधुमेह का इलाज नहीं करता है तो कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज के कारण हार्ट की बीमारी, अंधापन, किडनी की बीमारी हो सकती है। बीमारी को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन और लगातार पेशेंट की मॉनिटरिंग जरूरी होती है। ये वाकई पेशेंट के लिए मुश्किल हो जाता है।अब जबकि डायबिटीज के लिए सेल थेरिपी के सकारात्मक प्रभाव दिख रहे हैं तो इसे एक नई उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। 

डायबिटीज सेल थेरिपी ट्रीटमेंट

चायनीज रिसर्चर ने पेशेंट के पेरीफेरल ब्लड मोनोन्यूक्लियर सेल्स से नई थेरिपी विकसित की। सेल्स को सीड सेल में बदला गया ताकि अग्नाशय आईसलेट टिशू को आर्टिफिशिय वातावरण दिया जा सके। SCMP ने बताया कि इस थेरिपी में शरीर रीजेनेरेटिव कैपिबिलिटी (दोबारा तैयार करने की क्षमता) विकसित होती है। रिजेनेरेटिव मेडिसिन डायबिटीज ट्रीटमेंट में एक नया कदम है। 

चीन में दुनिया के सबसे अधिक 140 मिलियन डायबिटीज पेशेंट्स हैं। अगर सेल थेरिपी का पेशेंट्स में इस्तेमाल किया जाए तो मेडिसिन, इंसुलिन आदि का भार कम किया जा सकता है। डायबिटीज में सेल थेरिपी ट्रीटमेंट (Cell therapy treatment in diabetes) को लेकर अभी भी रिसर्च जारी है। 

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