क्या आपके बच्चे को भी है मोबाइल की लत, छुड़ाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

By rohan salodkarFirst Published Sep 9, 2023, 11:53 PM IST
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बच्चों के मोबाइल  की लत  से आजकल हर मां-बाप परेशान है। मोबाइल के कारण बच्चों ने आउटडोर गेम खेलना बंद कर दिया है। ना उन्हें फिजिकल एक्टिविटी पसंद आती है ना अपने साथ के बच्चों के साथ घूमना फिरना । यह बच्चे मोबाइल को लेकर इतना ज्यादा एडिक्टेड हो चुके हैं कि इन से मोबाइल मांगा तो यह चीखना चिल्लाना और जिद करना शुरू कर देते हैं। 

लखनऊ। मोबाइल आज हर इंसान की ऐसी जरूरत बन गई है जिसके बगैर वह एक मिनट भी चल नहीं सकता। घर के छोटे से काम से लेकर ऑफिस के बड़े प्लान इसी मोबाइल के व्हाट्सएप ग्रुप पर बनाए जा रहे हैं। अब लोग बड़े बूढ़ों  से खाना पकाना सिखाने के बजाय यूट्यूब के जरिए नई रेसिपी बनाना सीख रहे हैं। सब्जी मंगनी हो या राशन तमाम ऐप है जिनके जरिए 10 मिनट में समान आपके घर तक पहुंच जाता है। इन्हीं जरूरत के दरमियान आपके बच्चे भी मोबाइल की लत पकड़ते जा रहे हैं। हद तो यह हो गई है कि बच्चों से फोन मांगो तो वह रोने लगते हैं, जिद करने लगते हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कैसे बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिलाया जा सकता है।

आउटडोर गेम के लिए बच्चों को करें मोटिवेट
बच्चों को आउटडोर गेम के लिए मोटिवेट करें।  अगर आपका घर किसी मोहल्ले में है तो बच्चों को कुछ देर के लिए पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने दे और अगर आप अपार्टमेंट या सोसाइटी में रहते हैं तो समिति के पार्क में बच्चों को खेलने के लिए भेजें। फुटबॉल क्रिकेट जो भी आपका बच्चा पसंद करें उसे खेलने दे, ऐसा करने से बच्चों का दिमाग मोबाइल से  हटा रहेगा।

मोबाइल यूज़ करने का समय तय करें
मोबाइल देने से मना करने पर बच्चों में और ज्यादा उत्सुकता पैदा होगी इसलिए बेहतर है की बच्चों को मोबाइल यूज़ करने का एक समय बनाए, जैसे सुबह में एक घंटा शाम को एक घंटा। आप बच्चों के सामने शर्त भी रख सकते हैं कि इतनी देर पढ़ाई करोगे या इतनी देर बाहर खेलोगे तो 1 घंटे के लिए मोबाइल देंगे। इस तरह से आपका बच्चा पढ़ाई को भी समय देगा आउटडोर गेम भी खेलेगा और उसे मोबाइल देखने का लालच भी रहेगा।

मोबाइल पर लगाए पासवर्ड
अपने मोबाइल पर पासवर्ड लगाएं जिसकी जानकारी बच्चों को ना दे, अगर बच्चा जिद करता है तो शर्तों के अनुसार ही मोबाइल बच्चों को दें। ऐसा करने से आप अगर घर का काम कर रहे हैं या सो रहे हैं तो बच्चा आपकी मसरूफियत के दरमियान मोबाइल नहीं खोल पाएगा। उसे हर बार आपसे परमिशन लेनी पड़ेगी जिससे आपको भी यह पता रहेगा कि बच्चा कितनी देर तक आपका मोबाइल इस्तेमाल कर रहा है।

मोबाइल को लेकर बच्चों के साथ शुरू से स्ट्रिक्ट रहे
अक्सर देखा गया है की माएं घर का काम निपटाने के चक्कर में बच्चों को मोबाइल दे देती हैं ताकि बच्चे उन्हें डिस्टर्ब ना करें। यहीं से बच्चों की आदत खराब होती है। बल्कि जब आप घर का काम करें तो या तो बच्चों को होमवर्क दे दे या फिर टीवी पर कोई कार्टून लगा दे। यह दोनों ही ऑप्शन मोबाइल से कहीं बेहतर है क्योंकि देर तक मोबाइल से चिपके रहने से आंखों के रेटिना पर असर पड़ता है ।

 

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