कानपुर. मार्किट में वही टिकता है जो क्रिएटिव होता है, यही वजह है कि आज बाजार में स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं का पूरा फोकस ब्रांड नेम पर रहता है। बेवफा चायवाला हो या  बीटेक पानीपुरी वाली सबने सोच विचार कर अपने स्टार्टअप का नाम  कस्टमर को अट्रैक्ट करने के लिहाज से रखा। इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया  विकास वर्मन का जिन्होंने फूड इंडस्ट्री से बजाय फैशन के बाज़ार में अपना कदम रखा और महज़ दो महीने में करीब डेढ़ लाख रुपये की कमाई कर डाली। बंदरिया ब्यूटी सैलून  के ओनर विकास वर्मन  ने माय नेशन हिंदी से अपनी प्रोफेशन और परसनल लाइफ की बाते शेयर की 

कौन है विकास बर्मन
21 वर्षीय विकास कानपुर में रहते हैं, उनके पिता खुशी राम मेडिकल कालेज में चपरासी हैं,मां हाउस वाइफ हैं, 5 बहने हैं। विकास बीएएलएलबी कर रहे हैं। विकास ने नीट की प्रिपरेशन की थी एक अटेंप्ट किया लेकिन नहीं निकाल पाए इसलिए क्विट कर दिया, मां के नाम पर जिला पंचायत का इलेक्शन लड़ा लेकिन हार गए। विकास ने ब्यूटी सैलून का स्टार्टअप शुरू किया जो उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ।

 

ऐसे रखा गया बन्दरिया नाम
विकास ने मॉडल टाउन पांडव नगर में बंदरिया ब्यूटी सैलून का रजिस्ट्रेशन साल 2022 में कराया। 2 महीने पहले उन्होंने पार्लर शुरू किया है। सैलून का नाम बंदरिया रखने के बारे में विकास कहते हैं मेरी सिस्टर पार्लर से तैयार होकर आई थी बहुत सुंदर भी लग रही थी लेकिन उनकी बेटी जो कि महज़ 2 साल की है उसने दीदी को देखते ही कहा, मम्मा "बन्दरिया" लग रही। उसकी ये बात सुनकर सब लोग हंसने लगे। और उस वक्त मेरे दिमाग में ये बात बैठ गयी कि कोई भी बिजनेस करूंगा ऐसा नाम रखना है जिससे लोगों के चेहरे पर स्माइल आ जाए। हालांकि अक्सर जानने वाले यह कहते हैं की गर्ल फ्रेंड से बदला लेने के लिए ये नाम रखा है लेकिन मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है।

 

पढ़ता लिखता देख लोगों ने पापा से कहा बच्चों की शादी कर दो
विकास के पिता खुशीराम मेडिकल कॉलेज में चपरासी हैं जिनके बारे में विकास कहते हैं मेरे पापा ने पैसा जोड़ जोड़ करके अपने बच्चों को पढ़ाया है। अकसर लोग पापा से कहते थे बच्चों को पढ़ाने में क्यों इतना पैसा खर्च कर रहे हैं। शादी ब्याह कर दो सबका, चूंकि 3 दीदी ने बीएड किया है दो मेडिकल की तैयारी कर रही हैं, इसलिए अक्सर लोग मम्मी पापा से ऐसी बातें कहते थे लेकिन पापा का एक ही जवाब होता था कि अपने बच्चों को इंडिपेंडेंट बनाऊंगा। चूंकि पापा 4th क्लास कर्मचारी हैं और वो नही चाहते थे कि उनके बच्चे भी यही काम करें इसलिए उनकी प्रायोरिटी थी हमेशा की उनके बच्चे पढ़ लिख कर अच्छे पदों पर नौकरी करें।

 

पापा को दिखाना है कि उनका बेटा नालायक नहीं है
विकास कहते हैं सैलून खोलने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी था कि मैं अपने आप को साबित करना चाहता था। मैंने पापा का बहुत पैसा बर्बाद किया कॉलेज में पढ़ता था वहां टीचर से विवाद हुआ स्कूल ड्राप करना पड़ा, इस बात से पापा मेंटली बहुत हर्ट हुए। फिर नीट की तैयारी किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली, इलेक्शन में तमाम पैसे बर्बाद किया, नोएडा जाकर नौकरी किया लेकिन हर जगह हताश हुआ इसलिए इस बार तैयारी करके मार्केट में उतरा था कि पापा को यह दिखा सकूं उनका बेटा नालायक नहीं है ।

सैलून का नाम देखकर ग्राहक खींचे चले आते हैं
सैलून के बारे में विकास कहते हैं कि सैलून तैयार करने में ढाई से तीन लाख रुपये लगे थे। बहुत बड़ा सैलून नहीं है। चार लोगों का स्टाफ है जिन्हें सैलरी देता हूं। कस्टमर सर्विस को प्रायोरिटी देता हूं, कोई प्रमोशन नहीं कराया लेकिन सैलून के नाम को देख कर लोग खिंचे चले आते हैं। आज तक जो भी कस्टमर आया वह सेटिस्फाई होकर गया और दोबारा लौट कर जरूर आया यही हमारी उपलब्धि है । कमाई के बारे में विकास कहते हैं बहुत प्यार से एक महीने का 70 से 80 हजार रुपए निकल आता है। विकास बहुत जल्द सैलून का दूसरा आउटलेट लखनऊ के गोमती नगर में खोलने वाले हैं।

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