Study: Intermittent Fasting बचा सकती है इस भयानक कैंसर से, वेट लॉस में भी होगी मदद

By Bhawana tripathi  |  First Published May 8, 2024, 8:58 AM IST

जर्मन कैंसर रिचर्स सेंटर और ट्यूबिंगन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने इंटरमिटेंट फास्टिंग (intermittent fasting) की मदद से लिवर कैंसर (Liver Cancer) के खतरे को कम करने के बारे में स्टडी की है। जानते हैं स्टडी में क्या सामने आया है। 

हेल्थ डेस्क। फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है। इस कारण से लिवर में सूजन या क्रोनिक लिवर इंफ्लामेशन होता है। जब इसका इलाज नहीं किया जाता है तो लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इस संबंध में एक स्टडी की गई जिसका पॉजिटव रिजल्ट वाकई चौंकाने वाला है। 

लीवर कैंसर से बचाता है इंटरमिटेंट फास्टिंग 

जर्मन कैंसर रिचर्स सेंटर और ट्यूबिंगन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने चूहों पर इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर स्टडी की। 5:2 शेड्यूल में की गई फास्टिंग से चूहों में लीवर कैंसर का खतरा कम होता दिखा। वैज्ञानिको ने पाया कि चूहों को जब शाम को खाने को नहीं दिया जाता है तो लिवर की सेल्स और इफेक्टिव प्रोटीन अपना काम शुरू कर देती है। इस कारण से लीवर इंफ्लामेशन नहीं होती है। यानी फास्ट या व्रत के जरिए लिवर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।  

इंटरमिटेंट फास्टिंग का शरीर में असर

वैज्ञानिको को चूहों में किए गए  प्रयोग में दिलचस्प बातें दिखीं। चूहों को दो ग्रुप में बांटा गया। पहले ग्रुप के चूहों को खाने की पूरी अनुमति थी। वहीं दूसरे ग्रुप के चूहों को 2 दिन भूखा रख तीसरे दिन से भरपेट खाने की आजादी दी गई। एक सप्ताह बाद जब दोनों ग्रुप के चूहों का अध्ययन किया गया तो निम्न बातें सामने आईं।

  • जिस ग्रुप के चूहों को खाने की पूरी आजादी थी उनमें फैटी लीवर और लिवर इंफ्लामेशन  के लक्षण दिखाई दिए।
  • 5:2 के रेशियों में इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले चूहों की जब स्टडी की गई तो उनका वेट बढ़ा नहीं था। जबकि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले चूहों ने 5 दिन जमकर खाया था। 
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले चूहों के ग्रुप में बायोमार्क का लेवल भी कम था। अधिक बायोमार्क लिवर खराब के संकेत देता है। 

क्रोनिक लिवर इंफ्लामेशन बन सकता है लिवर इंफ्लामेशन का कारण

खराब लाइफस्टाइल और खानापान में गड़बड़ी फैटी लिवर का कारण बन रहा है। ऐसे में लिवर इंफ्लामेशन की समस्या शुरू हो जाती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो लिवर कैंसर का खतरा शुरू हो जाता है। वैज्ञानिकों की स्टडी फिलहाल इस विषय को लेकर विस्तृत है। स्टडी की जा रही है कि किन दवाओं की मदद से चूहों में फास्ट के इफेक्ट को बढ़ाया जा सकता है। 

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