पिता बनाते हैं पंचर, मां ने फ़िल्म देखकर बच्चों को पढ़ाया, नतीजा- बेटे ने क्रैक कर डाला UPPCS-J

By Kavish Aziz  |  First Published Sep 12, 2023, 9:30 PM IST

पंचर बनाने वाले शहजाद अहमद के बेटे अहद ने जब UPPCS-J क्रैक किया तो उनके गांव के लोग घर पर इकट्ठा हो गए। खुशी से जश्न मनाने लगे और चिल्लाने लगे 'शहजाद पंचर वाले का बेटा जज बन गया' अहद अपने खानदान की पहली जनरेशन है जो यूनिवर्सिटी तक पहुंचे हैं, इसके पहले सभी लोग मजदूरी करके अपना घर चला रहे थे। अहद की मेहनत ने गांव के अन्य युवाओं को एक दिशा दिखाई है

प्रयागराज से 30 किलोमीटर दूर बराई हरख गांव है। इस गांव में रहने वाले अहद अहमद ने UPPCS-J क्रैक किया। गरीब घर के बच्चे की इस उपलब्धि के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल हो गया।  गांव के बड़े बूढ़े अहद को जज कह कर बुलाने लगे हैं । अहद की इस कामयाबी के पीछे उनके पिता और मां का लंबा संघर्ष है। माय नेशन हिंदी से अहद के साथ साथ उनके मां बाप ने बात किया।

अहद के पिता पंचर बनाते हैं
अहद के पिता का नाम शहजाद अहमद है।  प्रयागराज के बरख गांव में वो अपनी पत्नी अफसाना बेगम और तीन बच्चों के साथ रहते हैं। घर के बगल में शहजाद की एक पंचर की दुकान है जिससे पूरे घर का खर्च चलता है। शहजाद खुद पढ़े लिखे नहीं है लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शहजाद ने बताया कि 10th क्लास में वह फेल हो गए थे जिसके बाद अपने पिता के साथ रहकर साइकिल रिपेयरिंग का काम सीख और इसी को जीविका का साधन बना लिया। कुछ समय बाद वहीं  एक छोटी सी जनरल स्टोर की दुकान खोल ली। इस दुकान से घर का खर्च चल जाता था लेकिन बच्चों की पढ़ाई का खर्च निकालना बहुत मुश्किल था।



 

कर्ज़ा लेकर पढ़ाया
अहद ने बताया कि उनकी पढ़ाई के पीछे उनकी मां का बहुत बड़ा रोल है। वह बहुत खुश होकर पूरे दावे से कहते हैं कि "अगर मैं यह कहूं कि हम तीनों भाई-बहन की पढ़ाई में अममी का रोल है तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी"  अब्बू की कमाई से सिर्फ घर चलता था। साइकिल रिपेयरिंग की दुकान से तीन बच्चों को खिलाया जा सकता था लेकिन पढ़ाया नहीं जा सकता था। वो कहते हैं मैंने प्रायमरी एजुकेशन गांव के ही सरकारी स्कूल से हासिल किया। 12वीं के बाद 2014 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में BALLB में एडमिशन ले लिया। अहद कहते हैं BALLB की फीस 38 हज़ार थी जिसका बंदोबस्त मेरे परिवार के लिए बहुत मुश्किल था। मेरा मन देखकर अम्मी अब्बू ने कर्जा लिया और फीस अदा की। उस दिन सोच लिया था कि किसी भी हाल में कुछ बनना है। जब BALLB कंप्लीट हुआ तो प्रयागराज छोड़कर गांव वापस आया और इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रैक्टिस के लिए जाने लगा। Covid  के दौरान कोर्ट बन्द हो गया और मेरा जाना भी।

पहली जनरेशन जो कॉलेज तक पहुंची
अहद ने बताया कि वह और उनके भाई बहन अपने खानदान की पहली जनरेशन है जो पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं। इसके पहले सब लोग मेहनत मजदूरी करके अपना घर चला रहे थे लेकिन अममी चाहती थी कि उनके बच्चे पढ़ाई करें। इसके लिए उन्होंने घर में सिलाई करना शुरू किया। वह दिन रात सिलाई मशीन पर बैठकर कपड़े सिलती थीं, इस काम में मैं भी उनकी मदद करता था, बात करते-करते अहद ने कहा अम्मी ने हमारे लिए क्या-क्या किया यह आप उन्हीं से पूछिये, और फिर हमारी बात अफसाना बेगम से हुई। 



 

राजेश खन्ना की पिक्चर देखकर अफसाना ने सिलाई शुरू की
अहद की अममी अफसाना बात करते-करते रो पड़ी। उन्होंने बताया कि वह अनपढ़ है लेकिन एक फिल्म ने उनके दिमाग पर गहरा असर डाला था, दरअसल 1991 में राजेश खन्ना की एक फिल्म आई थी घर परिवार। इस फिल्म की अभिनेत्री सिलाई करके अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा करती थी। यह फिल्म देखकर अफसाना ने सोच लिया था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएंगी। अफसाना ने बताया सिलाई में अहद उनका हाथ बटाता था। सिलाई से दिन में 200 रुपये मिल जाते थे।

बिना कोचिंग के पास किया PCS-J
Covid  के दौरान जब कोर्ट बंद हो गया तो अहद ने घर पर PCS-J की तैयारी शुरू कर दी। अहद ने बताया की उन्होंने बिना कोचिंग के PCS-J की तैयारी की क्योंकि कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। प्री का एग्जाम बहुत अच्छा हुआ, इसलिए मैंने मेंस के लिए कोचिंग ट्राई किया लेकिन हर जगह यह कहकर मना कर  दिया गया की बाहरी बच्चों को कोचिंग नही देते। मेरा साथ दिया मुजीब सिद्दीकी सर ने। मेंस की परीक्षा भी क्वालीफाई कर लिया। इंटरव्यू में ज्यादातर प्रैक्टिकल क्वेश्चन किए गए, कुछ के सवाल दे पाया कुछ में डगमगाया।  निराश इतना हो गया कि पहले ही सोच लिया की रिजल्ट नहीं देखूंगा। अहद कहते हैं रिजल्ट जब जारी हुआ तो मैंने नहीं देखा। एक दोस्त ने फोन करके बताया कि तुम्हारी रैंक 157वीं आई है।

अम्मी मैं जज बन गया
अहद कहते हैं मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैंने PCS-J क्वालीफाई कर लिया है बार-बार कभी अपना नाम मिलाता  कभी रोल नंबर। पीडीएफ खोलता बंद करता रहा की ये झूठ है। आंखों में आंसू लिए दौड़कर सीधे मां के पास गया  और कहा "अम्मी तुम्हारा बेटा जज बन गया" यह सुनते ही अम्मी रोने लगी मुझे गले लगा लिया, अब्बू भी आ गए वह भी रोने लगे। इलाके के लोग घर पहुंचने लगे पूरे इलाके में शोर हो गया "शहजाद पंचर वाले का लड़का जज बन गया"

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हैं फेवरिट 
अहद इस वक्त LLM कर रहे हैं, उनका ड्रीम है कि वह यूपीएससी क्वालीफाई करें और IAS officer बने। अहद ने  बताया कि उन्हें actor नवाजुद्दीन सिद्दीकी बहुत पसंद है। वह कहते हैं उनका संघर्ष भी बहुत लंबा है और उनकी एक्टिंग भी बहुत लाजवाब है इसके अलावा अहद को गजल लिखने का सुनने का और पढ़ने का शौक है।

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