दिन में गाय-बकरी चराई, रात में पढ़ाई: ऐसे बना यह लड़का NEET टॉपर

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Dec 12, 2024, 12:18 PM ISTUpdated : Dec 12, 2024, 12:22 PM IST
दिन में गाय-बकरी चराई, रात में पढ़ाई: ऐसे बना यह लड़का NEET टॉपर

सार

जानिए ओडिशा के आदिवासी छात्र कलाकार प्रधान की संघर्ष भरी कहानी। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने NEET परीक्षा पास की और एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक में दाखिला लिया।

नई दिल्ली: मेडिकल सेक्टर में करियर बनाने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम पास करना होता है। हर साल लाखों स्टूडेंट्स में से कुछ ही इस एग्जाम में सफल हो पाते हैं। ऐसे ही छात्रों में ओडिशा के कंधमाल जिले के आदिवासी छात्र कलाकार प्रधान हैं। आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी भी उनकी राह नहीं रोक पाई। मुश्किलों को हराकर नीट एग्जाम में सफलता हासिल की। नीट जैसी कठिन परीक्षा पास करने के लिए छात्रों को कोचिंग, किताबें, और अन्य संसाधनों की जरूरत होती है। लेकिन कलाकार प्रधान के लिए यह सब चीजें दूर की बात थीं। दिन में बकरी और गाय चराते थे और रात में पढ़ाई। बावजूद इसके, उन्होंने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।  

12वीं के बाद लौटे गांव

कलाकार प्रधान का परिवार ओडिशा के कंधमाल जिले के एक छोटे से गांव सबेरंगा में रहता है। परिवार आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है। कलाकार प्रधान ने बचपन से ही कठिनाइयां झेली। उन्होंने 12वीं के बाद कॉलेज में दाखिला लेने के बजाय गांव लौटने का फैसला किया ताकि नीट की तैयारी कर सकें। गांव में दिनभर बकरी और गाय चराने के बाद वे रात को पढ़ाई करते। कई महीनों तक उनका यही रूटीन रहा और यही उनकी सफलता की नींव बनी।

2 साल तक इंटरनेट के सहारे प्रिपरेशन

कलाकार प्रधान अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं। उनके पिता ने 6 साल की उम्र में उन्हें पढ़ाई के लिए गांव से 250 किमी दूर भुवनेश्वर के एक आवासीय स्कूल भेजा। कलाकार प्रधान की बेहतर शिक्षा के लिए उनके पिता ने बड़ा रिस्क लिया। 12वीं के बाद कलाकार प्रधान ने 2 साल तक इंटरनेट के सहारे नीट की प्रिपरेशन की। महंगी कोचिंग और किताबें उनकी पहुंच से बाहर थीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। ऑनलाइन उपलब्ध मुफ्त संसाधनों का यूज किया और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

कलाकार प्रधान ने नीट एग्जाम को थर्ड अटेम्पट में पास किया। हर प्रयास के साथ उनकी परफॉर्मेंस में सुधार होता गया। आखिरकार, उन्होंने 450 अंक हासिल किए और एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक में एमबीबीएस में दाखिला लिया। यह कॉलेज पूर्वी भारत के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक है।

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