Success Story: राजस्थान के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे प्रेमचंद गोधा की परवरिश और शुरुआती शिक्षा एक सामान्य ग्रामीण परिवेश में हुई। चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की और इसी पेशे ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने वाले प्रेमचंद गोथा ने एक्टर अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के फाइनेंशियल मामलों को संभालना शुरू किया। प्रोफेशनल स्किल के दम पर बच्चन परिवार का भरोसा जीता। फाइनेंशियल मैनेजमेंट के साथ गोथा के अंदर एक बिजनेसमैन वाली स्किल भी निखरी। जिसका उन्हें बड़ा फायदा मिला।

बच्चन परिवार के साथ मिलकर इप्का लैबोरेटरीज में इंवेस्टमेंट

साल 1975 में प्रेमचंद गोधा ने बच्चन परिवार के साथ मिलकर इप्का लैबोरेटरीज में इंवेस्टमेंट किया। उस समय यह कंपनी गंभीर फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रही थी। गोधा ने इसे एक चैलेंज के रूप में लिया, ऐसी स्ट्रेटजी बनाई कि कंपनी फिर एक बार अपने दम पर दौड़ने लगी और प्रेमचंद गोधा की अगुवाई में इप्का लैबोरेटरीज ने अपनी पहचान बनाई। फिर कंपनी ने डायबिटीज, हृदय रोग, मलेरिया और दर्द निवारण जैसी बीमारियों के इलाज के लिए हाई क्वालिटी वाली दवाइयां बनानी शुरू कर दी। जल्द ही कंपनी ने बिजनेस की दुनिया में बड़ी छलांग लगाई। कंपनी का राजस्व 54 लाख रुपये से बढ़कर 4422 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

प्रेमचंद गोथा नेटवर्थ

1999 में बच्चन परिवार ने इप्का लैबोरेटरीज की अपनी हिस्सेदारी बेच दी। इसके बावजूद गोधा कंपनी के साथ बने रहे। उन्होंने कंपनी को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। आज इप्का लैबोरेटरीज 28,000 करोड़ रुपये की कंपनी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी कुल नेटवर्थ 10,800 करोड़ रुपये से अधिक है, जो लगभग 1.3 अरब डॉलर के बराबर है। उन्होंने अपने बिजनेस से अपार धन-दौलत अर्जित की और भारत के सबसे अमीर लोगों के बीच अपनी जगह बनाई।

मुश्किलों के बावजूद सपनों को पूरा करना संभव

प्रेमचंद गोधा की कहानी साबित करती है कि कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना संभव है। उनकी कहानी हर उस शख्स के लिए इंस्पिरेशनल है, जो साधारण बैकग्राउंड से आते हैं, पर आगे बढ़ने को लेकर मन में तमाम शंकाए पाले हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए गोधा की लाइफ जर्नी एक सबक की तरह है।

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