mynation_hindi

1st अटेम्पट में UPPCS-J टॉपर बने प्रयागराज के शिशिर यादव, इंटरव्यू में ये जवाब देकर हासिल की 2nd रैंक

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Aug 31, 2023, 02:25 PM ISTUpdated : Sep 01, 2023, 10:42 AM IST
1st अटेम्पट में UPPCS-J टॉपर बने प्रयागराज के शिशिर यादव, इंटरव्यू में ये जवाब देकर हासिल की 2nd रैंक

सार

UPPCS-J Result 2023: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के PCS-J 2022 के अंतिम नतीजों में प्रयागराज के शिशिर यादव को दूसरी रैंक हासिल हुई है। UPPCS-J में यह उनका पहला अटेम्पट था। शिशिर का पेपर अच्छा हुआ था। इसलिए शुरु से ही उन्हें सिलेक्शन का भरोसा था।

UPPCS-J Result 2023: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के PCS-J 2022 के अंतिम नतीजों में प्रयागराज के शिशिर यादव को दूसरी रैंक हासिल हुई है। UPPCS-J में यह उनका पहला अटेम्पट था। शिशिर का पेपर अच्छा हुआ था। इसलिए शुरु से ही उन्हें सिलेक्शन का भरोसा था। MY NATION HINDI से बात करते हुए शिशिर कहते हैं कि शुरुआती दिनों से ही घर में लॉ को लेकर पॉजिटिव माहौल था। यही वजह रही कि लॉ के क्षेत्र में कॅरियर बनाने का लक्ष्य तय किया था।

शिशिर यादव ने कहां से की पढ़ाई?

शिशिर यादव ने महर्षि विद्या मंदिर, नैनी से 10वीं और 12वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की। हाईस्कूल में 7.2 सीजीपीए और इंटरमीडिएट में पीसीएम ग्रुप से 76 प्रतिशत मार्क्स थे। फिर साल 2020 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी की डिग्री ली और एलएलएम की पढ़ाई करने लगे। शिशिर कहते हैं कि शुरु से ही उनकी न्यायिक सेवा में जाने की इच्छा थी। उसी को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई की। 

कैसे हुई शिशिर के UPPCS-J की जर्नी की शुरुआत?

शिशिर कहते हैं कि UPPCS-J की जर्नी की शुरुआत घर के बैकग्राउंड की वजह से हुई। पिता कृपाशंकर यादव, मॉं शकुंतला यादव वकील हैं। छोटा भाई भी लॉ ग्रेजुएट है। घर में शुरु से ही लॉ के प्रति एक अलग माहौल था। यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद अच्छा माहौल मिला। प्रोफेसर का गाइडेंस मिला तो यह विश्वास और मजबूत हुआ कि इस फील्ड में जा सकते हैं। साल 2020 में ग्रेजुएशन कम्पलीट होने के बाद UPPCS-J की वैंकेसी आई थी तो पहली बार उसका फार्म भरा।

 

शिशिर यादव ने ये फेज भी झेला

शिशिर ने 12वीं कक्षा के बाद क्लैट (CLAT) की प्रिपरेशन की थी, पर उसमें उनका चयन नहीं हुआ तो थोड़ा दर्द महसूस हुआ। साल 2020 के बाद एक समय ऐसा भी आया। जब उनके साथ पढ़ाई करने वाले दोस्त बीटेक करके नौकरी करने लगे और शिशिर घर पर ही रहकर पढ़ाई में जुटे थे, तब उन्हें लगता था कि तैयारी करें या कुछ और करें, पर दोस्तों और माता-पिता के सपोर्ट की वजह से उन्होंने कभी दबाव नहीं महसूस किया। उसकी वजह से उनकी कठिनाइयां कम हुईं। वैसे सामान्यत: पढ़ाई के दरम्यान जॉब में देरी पर लोगों को एक दबाव महसूस होता है। शिशिर को घर और दोस्तों से मिले सपोर्ट की वजह से उस दबाव से उबरने में मदद मिली।

शिशिर ने BA LLB के दौरान शुरु कर दी तैयारी

शिशिर यादव ने साल 2020 में बीए एलएलबी पास किया। पढ़ाई के पांचवें साल में ही वह यूपीपीसीएस-जे की तैयारी में जुट गएं, कोचिंग भी ज्वाइन की। उनके दोस्त भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। इससे उनको काफी मदद मिली। शिशिर कहते हैं कि फ्रेंड सर्किल की वजह से एग्जाम का ये फेज पार कर पाया।

 

शिशिर यादव किसे देते हैं सफलता का श्रेय?

शिशिर अपनी सफलता का श्रेय अपने नाना राजनारायण सिंह, पिता कृपाशंकर यादव और मॉं शकुंतला यादव को देते हैं। वह कहते हैं कि पापा से इस क्षेत्र के बारे में पता चला। दोस्तों ने काफी सपोर्ट किया। टीचर्स ने कभी हताश नहीं होने दिया।

इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल 

सवाल- आप किसी के घर गए हैं, आपको उनकी घड़ी पसंद आई और आपने उनकी घड़ी छुपा दी। घड़ी लिए नहीं और चले आएं तो क्या होगा?

जवाब- आईपीसी 378 में दिया है कि यदि प्रापर्टी को मूव कर देते हैं तो ये थेफ्ट हो जाता है। 

सवाल- आप प्रैक्टिस क्यों नहीं कर रहे हैं, ज्यूडिशियरी में क्यों आना चाहते हैं? 

जवाब- शुरु से मेरी परवरिश ऐसी ही हुई है और मुझे लगता है कि इसके जरिए सोसाइटी पर ज्यादा इम्पैक्ट डाल पाऊंगा और कुछ रिटर्न कर पाऊंगा। 

सवाल- एलएलम कर रहे हैं तो आप टीचिंग की तरफ क्यों नहीं जाते हैं?

जवाब- मेरी रूचि है कि मैं ज्यूडिशियरी को सर्व करूं। मुझे लगता है कि मैं अपनी पोटेंशियल को ज्यादा बेहतर तरीके से यूटिलाइज कर पाऊंगा।

शिशिर यादव ने एग्जाम की तैयारी करने वालों को दिये ये टिप्स

​शिशिर यादव कहते हैं कि जो भी लोग तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिली या नहीं। वह लोग अपना होप लूज मत करें। अपने परिजनों और मित्रों के सम्पर्क में रहें। तैयारी करना आपके हाथ में है, ​अपनी प्रिपरेशन जारी रखें। यूपीपीसएस-जे की तैयारी करने वाले छात्र ज्यादा घबराए नहीं। अपने बेयर एक्ट पर कमांड रखें। मार्केट में कई किताबें है। कोई एक स्टैंडर्ड बुक पकड़े और तैयारी करें। 

ये भी पढें-सड़क पर रहने वाले बच्चों को पढ़ा रहे बठिंडा के केवल कृष्ण, आधा घर बेच दिया, शादी भी नहीं...

PREV

Latest Stories

श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
Oshmin Foundation: ग्रामीण भारत में मानसिक शांति और प्रेरणा का एक नया प्रयास, CSR का एक उत्कृष्ट उदाहरण
गर्भवती होते हुए भी क्रैक किया UPSC! पद्मिनी सेहरावत के UPSC सफर की कहानी जो आपको भी करेगी प्रेरित