आप क्यों बनना चाहते हैं आईपीएस? जरूरी है क्लियर Vision, पूर्व IPS राजेश पांडे ने बताई ये खास वजह 

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 5, 2024, 9:42 PM IST

हर साल यूपीएससी के एग्जाम में लाखो की संख्या में स्टूडेंट्स शामिल होते हैं। देश की सबसे कठिन परीक्षा में सक्सेस लोग देश के सबसे बड़े ब्यूरोक्रेट तक बनते हैं। लोग अलग-अलग कैडर की सर्विसेज को प्रायोरिटी देते हैं। पूर्व आईपीएस राजेश पांडेय कहते हैं कि एस्पिरेंट्स अपना विजन क्लियर कर लें कि वह क्यों आईपीएस बनना चाहते हैं? 

लखनऊ। देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) क्रैक कर एस्पिरेंट्स आईएएस-आईपीएस बनना चाहते हैं। पूर्व आईपीएस राजेश पांडे कहते हैं कि कुछ लोग आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) को प्रायोरिटी देते हैं। उनमें से कुछ लोगों को लगता है कि इस सर्विस का रौब दूसरी सेवा में नहीं है। यदि आप इस सोच के साथ भारतीय पुलिस सेवा में पहुंच गए तो भटक जाएंगे। 

सोसाइटी की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चुनौती

राजेश पांडे कहते हैं कि एक आईपीएस सीधे पब्लिक के कॉन्टैक्ट में होता है। जनता सोचती है कि यदि कोई परेशानी आएगी तो पुलिस उनकी रक्षा करेगी। यदि आप वह जनता को डिलीवर नहीं कर पाएंगे तो आपके बारे में उनकी धारणा यही बनेगी कि यह किसी काम के नही हैं। ऐसे में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह विचार करना होगा कि आप एक पुलिस अफसर के तौर पर सोसाइटी की अपेक्षाओं पर कितने खरे उतर पाएंगे। वह भी तब, जब वर्तमान में साइबर क्राइम जैसे नये तरह के अपराध हो रहे हैं। यदि आपका विजन क्लियर है कि आपको आईपीएस में क्यों जाना है, तो आप सफल होंगे। टेक्नोलॉजी के युग में ज्यादा सजग रहना होगा। 

पढ़ने और पढ़ाने के सिस्टम में आए बदलाव

राजेश पांडे कहते हैं कि कोरोना काल के समय से हमारे पढ़ने और पढ़ाने के सिस्टम में काफी बदलाव आए हैं। महामारी के समय नामी गिरामी कोचिंग इंस्टीट्यूट भी बंद हुए। ऑनलाइन एजूकेशन की बात शुरु हुई। टेलीग्राम पर स्टडी मैटेरियल आने लगे। पिछले 2 साल में ऐसे बच्चे भी यूपीएससी में सक्सेस हुए है, जिन्होंने अपनी प्रिपरेशन ऑनलाइन की थी। वर्तमान में पर्याप्त स्टडी मैटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध हैं। 

टेक्नोलॉजी ने बदला पढ़ाई का तरीका

पुराने समय की बात याद करते हुए राजेश पांडे कहते हैं कि पहले एनसीआरटी बुक की लोग कई बार रीडिंग करते थे। नोट्स, शॉर्ट नोट्स और बुलेट प्वाइंट बनाते थे। टेक्नोलॉजी के युग में पढ़ाई का तरीका बदला है। अब बच्चों को कोचिंग इंस्टीट्यूटस के जरिए यूपीएससी में सफल लोगों की टेस्ट कॉपी मिल जाती है। उनकी मदद से टैब या लैपटॉप के जरिए एस्पिरेंट्स नोट्स बनाकर तैयारी करते हैं। ऐसे कम लोग ही मिलेंगे जो हार्ड कॉपी से पढ़कर तैयारी कर रहे हों।

एग्जाम के पैटर्न भी बदल रहें

राजेश पांडे कहते हैं कि एग्जाम के पैटर्न में भी बदलाव आए हैं। पिछले साल प्रीलिम्स में ऐसे सवाल पूछे गए थे। जिसमें चार विकल्पों में अलग-अलग स्टेटमेंट थे और पूछा गया था कि उनमें से कौन से एक, दो या तीन स्टेटमेंट ठीक है। ऐसे में यदि आपको सभी स्टेटमेंट की जानकारी नहीं होगी तो आप सवाल हल नहीं कर पाएंगे। एस्पिरेंट्स को सिलेबस के हिसाब से पढ़ना होगा। प्रीवियस ईयर के प्रश्नों को जितना एनालाइज कर सकें। उतना ठीक रहेगा। समय के साथ आप नहीं बदले तो अपना लक्ष्य प्राप्त करने में समय लग सकता है। खासतौर पर पढ़ाई के तरीके को लेकर अपडेट रहें।

ये भी पढें-स्ट्राबेरी की खेती ने बाराबंकी के इस किसान की बदल दी तकदीर...

click me!