15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरणादायक उद्धरण और पंक्तियां। जानें महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, और अन्य प्रमुख नेताओं के वो कोट्स जो देशभक्ति और स्वतंत्रता की भावना को प्रकट करते हैं।
नई दिल्ली। 15 अगस्त भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है, और यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है। जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाई। इस विशेष दिन पर, हम स्वतंत्रता सेनानियों के कुछ प्रेरणादायक कोट्स को शेयर करते हैं, जो उनकी बलिदान की भावना और स्वतंत्रता के प्रति उनके समर्पण को उजागर करते हैं।
पढ़िए 11 फ्रीडम फाइटर के सबसे ज्यादा चर्चित कोट्स
1. रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा, “हमें स्वतंत्रता तब मिलती है जब हम पूरी कीमत चुकाते हैं।”
2. पंडित मदन मोहन मालवीय के अनुसार, “सत्यमेव जयते।”
3. महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता के महत्व को इस प्रकार बताया, “स्वतंत्रता कभी भी किसी कीमत पर प्रिय नहीं होती। यह जीवन की सांस है। एक व्यक्ति जीने के लिए क्या नहीं चुकाएगा?” गांधीजी ने शहादत की लालसा के खिलाफ भी चेतावनी दी, “हमें सभी को शहीद की मौत मरने के लिए पर्याप्त बहादुर होना चाहिए, लेकिन किसी को भी शहादत की लालसा नहीं करनी चाहिए।”
4. सुभाष चंद्र बोस ने कहा, “आज हमारी एक ही इच्छा होनी चाहिए - मरने की इच्छा ताकि भारत जीवित रहे - शहीद की मौत का सामना करने की इच्छा, ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीद के खून से प्रशस्त हो।” गांधीजी ने सविनय अवज्ञा की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, “जब राज्य अराजक या भ्रष्ट हो जाता है तो सविनय अवज्ञा एक पवित्र कर्तव्य बन जाता है।”
5. सुभाष चंद्र बोस ने देश के भाग्य पर विश्वास रखने का संदेश दिया, “भारत के भाग्य में अपना विश्वास कभी न खोएँ।”
6. बाल गंगाधर तिलक ने आत्मनिर्भरता का आदान-प्रदान करते हुए कहा, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा!” गांधीजी ने अहिंसक संघर्ष की महत्वता पर जोर दिया, “हमारा संघर्ष सत्ता के लिए नहीं, बल्कि भारत की स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह से अहिंसक संघर्ष है।”
7. लाल बहादुर शास्त्री ने सशस्त्र बलों और किसानों की अहमियत को स्वीकार किया, “जय जवान जय किसान।”
8. भगत सिंह ने अपने विचारों की अडिगता को स्पष्ट किया, “वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को नहीं कुचल पाएंगे।”
9. रामप्रसाद बिस्मिल ने कहा, “सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।”
10. चंद्र शेखर आज़ाद ने मातृभूमि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को इस प्रकार व्यक्त किया, “अगर अभी भी तुम्हारा खून नहीं उबल रहा है, तो यह तुम्हारी रगों में बहता पानी है। जवानी का क्या मतलब, अगर वह मातृभूमि की सेवा न करे।”
11. बंकिम चंद्र चटर्जी की मशहूर पंक्ति “वंदे मातरम” और मुहम्मद इकबाल के “सारे जहां से अच्छा” ने भी स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन कोट्स से क्या मिलती है प्रेरणा?
इन कोट्स को पढ़कर हमें यह याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। स्वतंत्रता दिवस पर इन प्रेरणादायक शब्दों को याद करते हुए, हम अपने देश की स्वतंत्रता की कीमत को समझ सकते हैं और देश की सेवा में अपनी भूमिका को निभा सकते हैं।
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