भारत की पहली कैंसर टेलीसर्जरी: एडवांस टेक्नोलॉजी से इलाज कर RGCIRC ने रचा इतिहास

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jun 19, 2024, 4:37 PM IST
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भारत में पहली बार कैंसर टेलीसर्जरी कर राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) ने इतिहास रच दिया है। मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इसे मील का पत्थर माना जा रहा है। 

नई दिल्ली। भारत में पहली बार कैंसर टेलीसर्जरी कर राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) ने इतिहास रच दिया है। मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इसे मील का पत्थर माना जा रहा है। ओपेन सर्जरी में 3 घंटे का समय लगता है। पर टेलीसर्जरी सिर्फ 1 घंटा 45 मिनट में ही हो गई। वह भी बिना किसी तरह की त्रुटि के।

भारतीय रोबोट 'एसएसआई मंत्रा' के जरिए हुई सर्जरी

RGCIRC के मेडिकल डायरेक्टर व जेनिटल यूरिनरी ऑन्कोलॉजी के चीफ डॉ. सुधीर रावल की अगुवाई में विशेषज्ञों की टीम ने यह आपरेशन किया। टीम में डॉ. अमिताभ सिंह और डॉ आशीष थे। उन्होंने सफलतापूर्वक दोतरफा लिम्फ नोड हटाकर सिस्टो-प्रोस्टेटक्टोमी ऑपरेशन किया। यह सर्जरी गुरुग्राम स्थित एसएसआई कार्यालय से भारतीय रोबोट 'एसएसआई मंत्रा' के जरिए हुई।

यूरिनरी ब्लाडर कैंसर पीड़ित की हुई रोबोटिक सर्जरी

यूरिनरी ब्लाडर कैंसर से पीड़ित 54 वर्षीय मरीज RGCIRC के दिल्ली के रोहिणी सेंटर में एडमिट था। एसएसआई के सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव और उनकी टीम ने ठीक आपरेशन थियरेटर की तरह ऑपरेटिव फील्ड के विजन और इंस्ट्रूमेंट की चाल के टेक्निकल हिस्से को संभाला। डॉ. रावल कहते हैं कि मरीज RGCIRC दिल्ली के रोहिणी सेंटर में एडमिट था और गुरुग्राम के एसएसआई ऑफिस में बैठकर टेलीसर्जरी की की गई। सर्जरी में कोई भी त्रुटि नहीं थी। 

दूर दराज के मरीजों को फायदा

डॉ. रावल के मुताबिक, कैंसर के इलाज का यह तरीका बेहतर परिणाम सुनिश्चित करता है। इससे दूर दराज के मरीजों को भी सर्जिकल देखभाल की सुविधा सुलभ होगी। उन्हें थकाऊ यात्राओं के दौर से नहीं गुजरना होगा। नतीजतन, खर्चों में कमी आएगी। जिस मरीज की सर्जरी की गई है। उसकी दशा स्थिर है और उसे सप्ताह भर में डिस्चार्ज भी किया जा सकता है।

5000 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी

डॉ. रावल कहते हैं कि टेलीसर्जरी कैपेसिटी डेवलप होने के साथ विशेषज्ञ सर्जिकल उपचार के लिए भौगौलिक बाध्यताएं रोड़ा नहीं बनेंगी। उन्होंने 5000 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की है। यह भारत में किसी कैंसर सर्जन द्वारा एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए की गई सबसे ज्यादा सर्जरी है। 

खुलेगा टेली-प्रॉक्टरिंग का रास्ता 

इससे सर्जनों को प्रशिक्षित भी किया जा सकता है। मतलब टेली सर्जरी से टेली-प्रॉक्टरिंग की राह साफ होगी। इसके जरिए एक अनुभवी सर्जन टियर 2 और 3 शहरों के सर्जनों को भी ट्रेनिंग दे पाएंगे। डॉ. रावल उम्मीद जाते हैं कि किफायती भारतीय रोबोट पूरे देश में उपलब्ध हो सकता है। आने वाले समय में रोबोटिक सिस्टम के एडवांस वर्जन सामने आएंगे, जो देश में हेल्थेकयर की डिलीवरी में नये मानक स्थापित करेंगे।

क्या है RGCIRC?

राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) वर्ष 1996 में स्थापित हुआ। कैंसर के इलाज के लिए एशिया के प्रमुख सेंटर्स में शामिल है। अत्याधुनिक तकनीक और सुपर स्पेशलिस्ट हैं। साढ़े तीन लाख (3.5) से ज्यादा मरीजों के सफल इलाज का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। भारत का सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजी अस्पतालों घोषित किया जाता रहा है। यह भारत का ऐसा इकलौता संस्थान है,जहां कैंसर सर्जरी के लिए तीन रोबोट हैं। RGCIRC की वेबसाइट से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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