Ayushman Card को लेकर ये हैं 3 सबसे बड़े मिथ-जाने क्या है फैक्ट?

By Surya Prakash TripathiFirst Published Apr 16, 2024, 10:00 AM IST
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Ayushman Bharat Card: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने की पात्रता को लेकर तमाम तरह के संशय बने हुए हैं। कोई कहता है कि इसमें सभी पात्र हैं तो कोई कहता है कि चुनिंदा लोग ही इसकी पात्रता की श्रेणी में आते हैं।

Ayushman Bharat Card: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने की पात्रता को लेकर तमाम तरह के संशय बने हुए हैं। कोई कहता है कि इसमें सभी पात्र हैं तो कोई कहता है कि चुनिंदा लोग ही इसकी पात्रता की श्रेणी में आते हैं। सीधे देश की गरीबों के स्वास्थ्य से जुड़ी इस योजना को लेकर कई मिथ हैं। जिनका फैक्ट आज आपको इस आर्टिकल में पढ़ने को मिलेगा।

 

मिथ नंबर-1
योजना के अंतर्गत सभी को मिलेगा लाभ?
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सबसे पहला मिथ पात्रता को लेकर फैला हुआ है। इसका जवाब यह है कि यह सिर्फ पात्र लाभार्थियों के लिए ही है। पात्र लाभार्थी कौन हैं, तो इसका जवाब है गरीबी रेखा की श्रेणी में आने वाले लोग ही पात्र लाभार्थी हैं। पात्रता तय होने के बाद ही आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन हो सकता है। यह कार्ड बनने के बाद कार्डधारक सूचीबद्ध अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकता है। जिसका समूचा खर्च सरकार उठाती है।

 

मिथ नंबर- 2
सभी अस्पतालों में करा सकते हैं फ्री इलाज?

इसका दूसरा मिथ यह है कि इस योजना का लाभ सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को मिलता है। जबकि फैक्ट यह है कि इस योजना का लाभ  सिर्फ सूचीबद्ध सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में ही मिलता है। सूची के अतिरिक्त किसी अस्पताल में इलाज कराया नहीं जा सकता है। न ही इसकी किसी को जिद करनी चाहिए। 

 

मिथ नंबर-3
प्रदेश के बाहर की अस्पतालों में नहीं मिलता लाभ?

तीसरा सबसे बड़ा मिथ है कि आयुष्मान योजना का लाभ  सिर्फ प्रदेश के अंदर की सूचीबद्ध अस्पतालों में ही मिलता है। लेकिन ऐसा नहीं है। प्रदेश के बाहर की भी सूचीबद्ध सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालाें में इस योजना के तहत कार्ड धारक अपना 5 लाख रुपए तक का इलाज फ्री में करा सकता है। 

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