जानिए डेबिट कार्ड पर लिखे नंबर का राज़, कैसे बनता है और क्या है इसका मतलब?

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 15, 2024, 8:34 PM IST
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जानिए डेबिट कार्ड पर लिखे 16 अंकों के नंबर का मतलब और इसका महत्त्व। यह नंबर आपके कार्ड और बैंक से जुड़ी अहम जानकारी बताता है, जैसे बैंक आइडेंटिफिकेशन नंबर (BIN), अकाउंट जानकारी और चेकसम डिजिट।

Debit Card Number: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में, अधिकतर लोगों के पास डेबिट या एटीएम कार्ड होता है। इस कार्ड ने बैंकिंग को बेहद आसान और तेज़ बना दिया है। पहले जहां पैसे निकालने के लिए चेक लेकर बैंक की ब्रांच जाना पड़ता था, अब कुछ ही मिनटों में एटीएम मशीन से पैसे निकाल लिए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके डेबिट कार्ड पर लिखा 16 अंकों के नंबर का क्या मतलब होता है? आइए जानते हैं इस नंबर का राज़।

साधारण नहीं 16 अंकों का यह नंबर

आपके डेबिट कार्ड पर छपा हुआ 16 अंकों का यह नंबर सिर्फ एक साधारण अंक नहीं है। इस नंबर में आपके कार्ड और बैंक से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी छिपी होती है। आपने अक्सर ऑनलाइन शॉपिंग या किसी अन्य लेन-देन के दौरान इस नंबर का यूज किया होगा। यह नंबर आपके बैंक अकाउंट की सिक्योरिटी और वेरिफिकेशन के लिए बेहद अहम होता है।

क्या है 16 अंकों का राज़?

डेबिट कार्ड का यह 16 अंकों वाला नंबर अलग-अलग हिस्सों में बंटा होता है और हर भाग का अपना विशेष मतलब होता है। इस नंबर के अलग-अलग हिस्से अलग—अलग जानकारी देते हैं। 

पहले 6 अंक: बैंक आइडेंटिफिकेशन नंबर-BIN

डेबिट कार्ड के पहले 6 अंकों को बैंक आइडेंटिफिकेशन नंबर (BIN) कहा जाता है। ये अंक यह बताते हैं कि आपका कार्ड किस बैंक द्वारा जारी किया गया है। इन अंकों से बैंक का नाम और कार्ड जारी करने वाली कंपनी का भी पता चलता है, जैसे कि Visa, MasterCard, या Rupay। 

7वें से 15वां अंक: अकाउंट से संबंधित जानकारी

इन अंकों का संबंध सीधे आपके बैंक अकाउंट से होता है, लेकिन यह जानकारी संवेदनशील नहीं होती। यह अंक किसी भी प्रकार की निजी या संवेदनशील जानकारी को उजागर नहीं करते हैं। यह सीक्वेंस कार्डधारक की विशिष्ट पहचान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है ताकि हर कार्ड यूनिक हो।

आखिरी अंक: चेकसम डिजिट

16वां और आखिरी अंक को चेकसम डिजिट कहा जाता है। यह अंक निर्धारित करता है कि आपका कार्ड वैध है या नहीं। यह अंक "लुहन एल्गोरिथम" नाम के एक गणितीय फॉर्मूला के आधार पर जेनरेट किया जाता है, जो कि कार्ड नंबर की वैधता की पुष्टि करता है। जब भी आप किसी ट्रांजैक्शन के लिए कार्ड का उपयोग करते हैं, तो यह चेकसम डिजिट यह सुनिश्चित करता है कि कार्ड की जानकारी सही है या नहीं।
 

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