Fastag Rules: फास्टैग रिफंड कैसे मिलेगा? गाड़ी बेचने के बाद फास्टैग बंद करने की प्रक्रिया क्या है? जानें बैंक के नियम, सिक्योरिटी डिपॉजिट और बैलेंस रिफंड की पूरी जानकारी।
Fastag Rules: आज के समय में फास्टैग (FASTag) सभी टोल प्लाजा पर अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे टोल भुगतान डिजिटल और तेज हो गया है। लेकिन क्या होगा अगर आप गाड़ी बेच दें? क्या फास्टैग में बचा हुआ बैलेंस वापस मिलेगा? आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
पहले टोल प्लाजा पर लगती थी लंबी लाइनें!
पहले टोल प्लाजा पर मैन्युअल भुगतान करना पड़ता था, जिससे लंबी कतारें लगती थीं और समय की बर्बादी होती थी। लेकिन फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है।
गाड़ी बेचने पर फास्टैग का रिफंड कैसे मिलेगा?
अगर आपने अपनी गाड़ी बेच दी है और फास्टैग में बैलेंस बचा हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सबसे पहले अपने बैंक से संपर्क करें। फिर फास्टैग को डीएक्टिवेट करें, जिससे नया मालिक इसे इस्तेमाल न कर सके। बचा हुआ बैलेंस बैंक अकाउंट में रिफंड मिल सकता है। कुछ बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट भी वापस कर सकते हैं।
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फास्टैग कैसे बंद करें? (Step-by-Step Guide)
गाड़ी बेचने के बाद फास्टैग बंद नहीं किया तो क्या होगा?
अगर आप फास्टैग डीएक्टिवेट करना भूल जाते हैं, तो नया मालिक इसे इस्तेमाल कर सकता है और आपके खाते से पैसे कट सकते हैं। इसलिए गाड़ी बेचते ही तुरंत फास्टैग बंद करवाएं।
कौन-कौन से बैंक फास्टैग का रिफंड देते हैं?
भारत में SBI, HDFC, ICICI, Paytm, Kotak, Axis, IDFC First Bank सहित कई बैंक फास्टैग जारी करते हैं। प्रत्येक बैंक की अपनी अलग रिफंड पॉलिसी होती है। कुछ बैंक 100% बैलेंस रिफंड कर देते हैं। कुछ बैंक केवल सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस करते हैं। कुछ मामलों में, रिफंड पाने के लिए बैंक में आवेदन करना जरूरी होता है।
नतीजा: गाड़ी बेचते ही क्या करें?
अपनी मेहनत की कमाई बचाएं!
गाड़ी बेचने के बाद फास्टैग को नजरअंदाज करना भारी नुकसान पहुंचा सकता है। सही समय पर इसे बंद करवाना धोखाधड़ी से बचाने में मदद करता है और आप अपना बचा हुआ बैलेंस आसानी से रिफंड ले सकते हैं।
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