अब इस बैंक से लोन लेना पड़ेगा महंगा, 3 महीने के लिए बढ़ा MCLR, जानें नए रेट

By Surya Prakash TripathiFirst Published Sep 9, 2024, 10:23 AM IST
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HDFC बैंक ने MCLR दरों में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, जिससे लोन पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं। जानिए नई MCLR दरें और इस बढ़ोतरी का असर ग्राहकों पर कैसे पड़ेगा।

MCLR Rate Hike: अगर आप HDFC बैंक से लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अब थोड़ा अधिक भुगतान करना पड़ेगा। देश के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05% की बढ़ोत्तरी की है। यह बढ़ोत्तरी खासतौर पर 3 महीने के पीरियड के MCLR दर पर लागू हुई है। अब 3 महीने की MCLR रेट 9.25% से बढ़कर 9.30% हो गई है, जबकि 6 महीने की MCLR 9.40% और लांग पीरियड के लिए MCLR रेट 9.45% पर बरकरार रखी गई है।

कब से लागू होंगे नए रेट?
नई दर शनिवार से लागू हो गई है। बैंक ने बाकी सभी पीरियड के लिए पुराने रेट को बरकरार रखा है। बैंक की ओवरनाइट MCLR 9.10 फीसदी और 1 महीने की MCLR 9.15 फीसदी पर है। इससे पहले पिछले महीने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI ने MCLR में 0.10% की बढ़ोत्तरी की थी। इस बढ़ोत्तरी के बाद बैंक की MCLR आधारित इंटरेस्ट रेट 8.20% से 9.1% के बीच हैं। वहीं बैंक ने ओवरनाइट MCLR को बढ़ाकर 8.20% कर दिया था।

3 महीने की MCLR कितनी है?
HDFC बैंक की 3 महीने की MCLR दर अब 9.25 फीसदी से बढ़कर 9.30 फीसदी हो गई है। बैंक की 6 महीने की MCLR 9.40 फीसदी पर है। इसके अलावा सभी लांग पीरियड के लिए MCLR दर 9.45% पर है। MCLR बैंक को होम लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन पर ब्याज दरें तय करने में मदद करता है।

क्या है MCLR?
MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स) वह न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे बैंक को लोन देने की अनुमति नहीं होती। यह बैंक द्वारा दिए जाने वाले सभी लोन की ब्याज दरों के लिए आधार होती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे 1 अप्रैल 2016 को लागू किया था ताकि ग्राहकों को पारदर्शी ब्याज दरें मिल सकें।

इस बढ़ोत्तरी का क्या असर पड़ेगा?
MCLR में बढ़ोत्तरी का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ता है, खासकर उन लोगों पर जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है। EMI में ग्रोथ होने से लोन चुकाने का बोझ भी बढ़ जाता है। इस नई दर के लागू होने के बाद, HDFC बैंक से होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन लेने वाले ग्राहकों की EMI बढ़ सकती है। इसलिए अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो MCLR रेट्स में हो रहे बदलावों पर नजर रखना जरूरी है ताकि आप अपनी फाईनेंसियल स्कीम को सही तरीके से मैनेजमेंट कर सकें।

 


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