महाकुंभ 2025: UP का खजाना होगा मालामाल, जानिए कितनी कमाई?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 13, 2025, 2:46 PM IST

महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। जानें कैसे यह आयोजन उत्तर प्रदेश को 2 लाख करोड़ रुपए तक की आय दिलाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बदलने वाला है।

MahaKumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरे देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर अट्रैक्ट कर रहा है, जो प्रदेश की इकोनॉमी के लिए एक बड़ा बूस्टर भी साबित हो रहा है। 40 करोड़ श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आने की उम्मीद प्रदेश की इकोनॉमी को पंख लगाएगी। आप भी जानना चाहते होंगे कि यह कैसे संभव है? आइए जानते हैं कि इस महाकुंभ से यूपी का क्या फायदा?

पहले दिन 50 लाख लोगों ने किया स्नान

26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ 2025 में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह संख्या अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। पहले दिन ही त्रिवेणी संगम में करीब 50 लाख लोगों ने स्नान किया।

यूपी को 2 लाख करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान

एक अनुमान के अनुसार, अगर महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ तीर्थयात्री औसतन 5,000 रुपए खर्च करते हैं, तो आयोजन से 2 लाख करोड़ रुपए की आय हो सकती है। अगर हर तीर्थयात्री 10,000 रुपए खर्च करता है, तो यह राशि 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। यह खर्च ट्रांसपोर्ट, होटलों, खाने-पीने, स्थानीय खरीदारी और अन्य सेवाओं पर किया जाएगा, जिससे राज्य की इकोनॉमी को बड़ा फायदा होगा।

महाकुंभ 2025 के लिए 7 हजार करोड़ का बजट

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को भव्य बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। इसका यूज बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे सड़क, ब्रिज और स्टेडियम के निर्माण और श्रद्धालुओं के लिए ट्रांसपोर्ट और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किया गया। मेला क्षेत्र को सजाने के साथ सिक्योरिटी के भी इंतजाम किए गए। आपको बता दें कि महाकुंभ का आयोजन करीबन 4 हजार हेक्टेयर जमीन पर किया गया है। 

2019 अर्ध कुंभ में यूपी की इकोनॉमी को कितना फायदा?

2019 के अर्ध कुंभ मेले ने राज्य की इकोनॉमी में 1.2 लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया था। उस समय लगभग 24 करोड़ तीर्थयात्री आए थे। उस आयोजन ने राज्य में टूरिज्म, बिजनेस और रोजगार के नए रास्ते खोले। 2019 के मुकाबले 2025 के आयोजन में तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। इसकी वजह से आर्थिक लाभ भी दोगुना या उससे अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। 

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