तिरुपति मंदिर में आस्था घोषणापत्र साइन करना क्यों है जरूरी? पवन कल्याण की बेटी ने मंदिर में प्रवेश से पहले निभाई यह परंपरा। जानें इसका महत्व।
Tirupati Laddu Controversy: भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित तिरुपति मंदिर देशभर के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। हालांकि, अगर कोई गैर-हिंदू इस मंदिर में प्रवेश करना चाहता है, तो उसे पहले एक विशेष परंपरा निभानी होती है, आस्था घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना होता है। हाल ही में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और फिल्म अभिनेता पवन कल्याण की छोटी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने भी इसी परंपरा का पालन किया। यह घटना खासतौर पर तब चर्चा में आई जब पोलिना ने तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, क्योंकि वह एक गैर-हिंदू हैं।
आस्था घोषणापत्र क्या है?
तिरुपति बालाजी मंदिर में जब भी कोई गैर-हिंदू व्यक्ति प्रवेश करता है, उसे आस्था घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना होता है। यह दस्तावेज एक तरह का प्रतिज्ञा पत्र होता है, जिसमें व्यक्ति अपनी धार्मिक मान्यताओं और मंदिर की परंपराओं का सम्मान करने की सहमति देता है। इस घोषणापत्र का मकसद यह तय करना होता है कि मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति का इरादा धार्मिक हो और वह तिरुपति मंदिर की मर्यादा को समझे और माने।
क्यों जरूरी है आस्था घोषणापत्र?
तिरुपति मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक नियमों का भी केंद्र है। गैर-हिंदू श्रद्धालुओं के लिए आस्था घोषणापत्र साइन करना इस बात की पुष्टि करता है कि वे हिंदू धर्म की मान्यताओं और मंदिर की पवित्रता का सम्मान करेंगे। यह एक तरह का औपचारिक अनुबंध है, जिससे मंदिर प्रशासन सुनिश्चित करता है कि मंदिर की धार्मिक परंपराओं का पालन हो।
पवन कल्याण की बेटी ने क्यों किया आस्था घोषणापत्र पर साइन
फेमस एक्टर और आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण हाल ही में अपनी बेटियों पोलिना और आद्या के साथ तिरुपति मंदिर की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान, उनकी छोटी बेटी पोलिना ने मंदिर में प्रवेश करने से पहले आस्था घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। क्योंकि पोलिना एक नाबालिग हैं और उनकी मां अन्ना लेझनेवा एक गैर-हिंदू हैं, इसलिए यह जरूरी था कि पोलिना मंदिर में प्रवेश करने से पहले घोषणापत्र साइन करें।
पवन कल्याण ने भी किए दस्तावेजों पर साइन
चूंकि पोलिना नाबालिग हैं, इसलिए मंदिर के नियमों के अनुसार उनके पिता पवन कल्याण को भी इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने पड़े। पवन की इस यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई। जनसेना पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पवन और उनकी बेटी पोलिना को दस्तावेज पर साइन करते हुए देखा गया।
ये भी पढें-सिर्फ इतने रुपये में श्रीलंका की सैर, IRCTC ने पेश किया जबरदस्त पैकेज...