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घर में रहती है कलह, नहीं होती बरक्कत तो अपनाएं ये टिप्स, आएगी समृद्धि और शांति!

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Aug 31, 2024, 06:38 PM ISTUpdated : Aug 31, 2024, 06:39 PM IST
 घर में रहती है कलह, नहीं होती बरक्कत तो अपनाएं ये टिप्स, आएगी समृद्धि और शांति!

सार

Vastu Shastra Tips: अपने घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई के सही दिशा-निर्देशों का पालन करें। जानें किन दिशाओं में खाना बनाना शुभ होता है और किनसे बचना चाहिए।

Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र, एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो घर की सही दिशा और संरचना पर आधारित है। यह मान्यता है कि अगर घर का वास्तु सही हो, तो उसमें रहने वालों को स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। खासकर, रसोई घर को वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि यह पूरे घर की एनर्जी और समृद्धि को प्रभावित करता है। इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन की सही दिशा क्या होनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

रसोई में वास्तु दोष और उनके क्या होते हैं निगेटिव प्रभाव?
अगर किचन का वास्तु सही नहीं है, तो यह घर में निगेटिव एनर्जी ला सकता है और कई समस्याओं का कारण बन सकता है। किचन के वास्तु दोष से घर के सदस्यों को बीमारियों और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए रसोई को सही दिशा में बनाना और खाना पकाते समय सही दिशा का पालन करना बहुत जरूरी है।

खाना पकाने की अशुभ दिशाएं कौन-कौन सी हैं?

1. दक्षिण दिशा: इस दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में गरीबी और बीमारियां, जैसे कि सिरदर्द और माइग्रेन हो सकते हैं।

2. पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा की ओर खाना बनाने से वैवाहिक जीवन में कलह और दुख आ सकते हैं।

3. उत्तर दिशा: उत्तर दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाने से आर्थिक समस्याएं और गरीबी का सामना करना पड़ सकता है।

खाना पकाने की कौन सी दिशा है शुभ?
पूर्व दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना पकाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सूर्य की दिशा है, जो पॉजिटिव एनर्जी का सोर्श है। इस दिशा में पका हुआ भोजन घर में शांति और समृद्धि लाता है और परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों को मजबूत बनाता है।

किचेन के लिए वास्तु के ये हैं 9 इंप्वार्टेंट रूल 

1. स्थान: रसोई को उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। ये दिशाएं अग्नि देवता का निवास स्थान मानी जाती हैं, जो पॉजिटिव एनर्जी का संचार करती हैं।

2. खाना पकाने की दिशा: हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना पकाएं। यह दिशा शुभ मानी जाती है और घर में समृद्धि लाने में सहायक होती है।

3. सिंक की स्थिति: रसोई में सिंक को उत्तर-पूर्व कोने में रखें। यह जल तत्व के लिए उपयुक्त दिशा मानी जाती है और मानसिक संतुलन को बनाए रखती है।

4. खिड़कियां: रसोई में पूर्व और पश्चिम दिशा में खिड़कियां लगाना शुभ होता है। यह वेंटिलेशन में सुधार करता है और निगेटिव एनर्जी को बाहर निकालता है।

5. सजावट: रसोई में फलों और सब्जियों की तस्वीरें लगाना पॉजिटिविटी को बढ़ाता है और समृद्धि का प्रतीक है।

6. साफ-सफाई: समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए रसोई को हमेशा साफ-सुथरा रखें। खासकर, चूल्हा और गैस चूल्हा हमेशा साफ रखें।

7. विजिबिलिटी: चूल्हा मुख्य दरवाजे के बाहर से दिखाई नहीं देना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो पर्दे का यूज करें ताकि निगेटिव एनर्जी का प्रवेश न हो।

8. रसोई का स्थान: रसोई को शौचालय, सीढ़ियों या पूजाघर के ऊपर या नीचे नहीं बनाना चाहिए। यह वास्तु दोष होता है और निगेटिव एनर्जी का कारण बनता है। 

9. जल और अग्नि का संतुलन: रसोई में जल और अग्नि तत्वों को अलग रखें ताकि मानसिक संतुलन और सामंजस्य बना रहे।

किचेन के लिए इन 3 बिंदुओं का भी रखें ख्याल

  • 1. रसोई को बेडरूम, पूजा कक्ष या शौचालयों के नीचे या ऊपर रखने से बचें।
  • 2. रसोई को हमेशा साफ और अव्यवस्था मुक्त रखें ताकि पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बना रहे।
  • 3. मांसाहारी भोजन तैयार करने के लिए अलग मंच का उपयोग करें, ताकि शुद्धता और स्वच्छता बनी रहे।
     

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