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क्या आप भी मानते हैं डायबिटीज से जुड़े ये 5 मिथ? जानें हकीकत

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डायबिटीज को लेकर कई मिथक

डायबिटीज को लेकर कई मिथक समाज में फैले हुए हैं। पर सही जानकारी से ही डायबिटीज को सही तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। आइए उसके बारे में जानते हैं।

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1. मिथक: सिर्फ मीठा खाने से होती है डायबिटीज

सच्चाई: यह मानना गलत है कि सिर्फ मीठा खाने से डायबिटीज होती है। हालांकि ज्यादा शुगर से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इसमें जेनेटिक्स, लाइफस्टाइल और मोटापा भी भूमिका निभाते हैं।

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2. मिथक: डायबिटीज में फलों का सेवन नहीं करना चाहिए

सच्चाई: बहुत से लोग मानते हैं कि डायबिटीज मरीजों को फलों से दूर रहना चाहिए। हालांकि, संतुलित मात्रा में सेब, नाशपाती, संतरे जैसे फल खाना सेेफ है, जो फाइबर और विटामिन्स देते हैं।

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3. मिथक: डायबिटीज मतलब हमेशा इंसुलिन लेना

सच्चाई: हर डायबिटीज मरीज को इंसुलिन जरूरी नहीं। टाइप-1 डायबिटीज में इंसुलिन आवश्यक है, जबकि टाइप-2 में लाइफस्टाइल में बदलाव, डाइट और दवाओं से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
 

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4. मिथक: डायबिटीज से छुटकारा संभव

सच्चाई: डायबिटीज का इलाज नहीं है, पर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। सही आहार और रेगुलर व्यायाम से टाइप-2 डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रख सकते हैं।
 

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5. मिथक: कार्बोहाइड्रेट्स से परहेज करना चाहिए

सच्चाई: डायबिटीज मरीजों को सिर्फ कार्ब्स नहीं, संतुलित आहार लेना चाहिए। हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइबर भी जरूरी। जटिल कार्ब्स जैसे साबुत अनाज ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में सहायक।
 

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