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बातचीत इंसानों की एक खास जरूरत है। जब हम खुलकर अपने इमोशंस शेयर नहीं कर पाते, तो यह हमारे मेंटल हेल्थ पर निगेटिव असर डाल सकता है।
कभी-कभी, जब प्रिय व्यक्ति हमारी खुशी या दुःख पर उस तरह से रिएक्शन नहीं देता, जिसकी हम उम्मीद करते हैं, तो यह निराश करने वाला होता है।
मैकगिल विश्वविद्यालय में हाल ही में किए गए शोध ने यह साबित किया है कि कम्युनिकेशन में बार-बार समस्याएं होने पर यह सामाजिक संज्ञान के बदलाव का संकेत हो सकती हैं।
सामाजिक संज्ञान उस मेंटल कैपेसिटी को कहते है, जिसके जरिए हम दूसरों के इमोशंस को समझते हैं। यह हमारे विश्वास का आंकलन करने में हेल्प करता है।
मानसिक स्वास्थ्य विकार, जैसे डिप्रेशन और बायपोलर डिसऑर्डर, सामाजिक संज्ञान को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे खुलकर बात करने की क्षमता कम हो जाती है।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि बायपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों में सामाजिक संज्ञान की कमी उनकी डेली रूटीन पर असर डालती है। यह सोशल लाइफ में मुश्किल खड़ी करती है।
सामाजिक संज्ञान को सुधारने के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं। अभ्यास के माध्यम से व्यक्ति दूसरे की भावनाओं को समझने में बेहतर बन सकते हैं।
संवाद को बेहतर बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम परिवारों को मदद कर सकते हैं। खुलकर बात करने में असमर्थता मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है। संवाद की आदत डालें।