हेल्थ डेस्क: चांदीपुरा वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को गुजरात से करीब छह लोगों के मरने की खबर सामने आ आई है। कुछ साल पहले कोरोना वायरस की महामारी झेल चुके देश को अब चांदीपुरा वायरस भी परेशान कर रहा है। महाराष्ट्र के चांदीपुरा में सबसे पहले इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। अब तक इस वायरस से 12 लोग संक्रमित हो चुके हैं और छह बच्चों की मौत हो चुकी है।

संक्रामक नहीं है चांदीपुरा वायरस

कोरोना वायरस की तरह चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। बारिश के मौसम में इस वायरस के फैलने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। मच्छर या फिर मक्खी के काटने से यह वायरस शरीर में प्रवेश करता है। जानकारी के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों में इस वायरस के फैलने के सबसे ज्यादा संभावना रहती है। यह वाइरस इतना खतरनाक है कि शरीर में प्रवेश करने के 24 से 48 घंटे बाद ही बच्चे की मौत भी हो सकती है।

बच्चों को बचाएं मच्छर-मक्खी से

बारिश के मौसम में मच्छरों के साथ ही मक्खियों की संख्या भी बहुत बढ़ जाती है।बच्चों को मच्छर और मक्खियों से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। बच्चे जब भी घर से बाहर निकले तो उनके शरीर में मॉस्किटो  रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। बच्चों को गंदे इलाके या फिर एरिया में भी जाने से मना करें। 

चांदीपुरा वायरस इंफेक्शन के लक्षण 

रैबडोलिरिडे फैमिली से संबंधित वेसिकुलोवायरस सीधा दिमाग पर असर करता है। वायरस के संक्रमण से बच्चों में फ्लू के आम लक्षण दिखते हैं। अगर समय पर ट्रीटमेंट न मिले तो बच्चें के दिमाग में सूजन आने लगती है। सूजन की समस्या बच्चों के लिए घातक मानी जाती है। अगर बच्चे में आम फ्लू के लक्षण दिखे तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

दिमाग में सूजन होती है खतरनाक

इंसेफेलाइटिस या दिमाग में सूजन एक हेल्थ कंडीशन है। दिमाग के चारों ओर सुरक्षा प्रदान करने वाली लेयर में सूजन शरीर में कई लक्षण दिखाती है।व्यक्ति को उल्दी, भ्रम से लेकर थकान महसूस होती है। 

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