नयी दिल्ली। बिजनेस स्किल विरासत में मिला। 16 साल की उम्र में जब लोग लाइफ को इंज्वाय करने पर ध्यान देते हैं। उन्होंने बिजनेस की बारीकियां सीखनी शुरु की। एक कदम आगे बढ़कर सोचने लगीं। इंटरनेशनल मार्केट की समझ डेवलप करने के लिए कैलिफोर्निया से पढ़ाई की। देश वापस आईं और 25 साल की उम्र में देश के सामने टीवी का एक नया चेहरा पेश किया। हम बात कर रहे हैं वीयू ग्रुप की मालकिन (CEO and Chairperson of Viu Group) देविता सराफ (Devita Saraf) की। फॉर्च्यून इंडिया (2019) की भारत की सबसे ताकतवर 50 महिलाओं की लिस्ट में भी उनका नाम शामिल रहा है। 1000 करोड़ रुपये की कम्पनी की मालकिन हैं।

16 साल की उम्र से ही पिता की व्यापार में करने लगीं मदद

जेनिथ कंप्यूटर्स के मालिक राजकुमार सराफ की बेटी देविता सराफ के पिता मारवाड़ी हैं। उनकी मां उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। मुंबई में जन्मी और वहीं परवरिश हुई। कम उम्र में ही देविता और उनके भाई कम्पनी के आफिस और मीटिंग्स में जाते थे। 16 साल की उम्र में ही वह कॉलेज की पढ़ाई भी करती थीं और अपने पिता के बिजनेस में हाथ बंटाना भी शुरु कर दिया। बचपन से ही वह अपने पिता के टेक्नोलॉजी से जुड़े बिजनेस को देख रही थी। इसीलिए टेक्नोलॉजी से जुड़ी इंडस्ट्री में कुछ करने को प्रेरित हुईं।

 टीवी और सीपीयू के मिक्स कॉम्बिनेशन से VU-TV की शुरुआत

कॉलेज की पढ़ाई के दौरान देविता सराफ को इस बात का एहसास हो गया था कि टेक्नोलॉजी में आगे रहकर ही विदेशी कम्पनियों का मुकाबला किया जा सकता है। कैलिफोर्निया से बिजनेस की पढ़ाई की। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री ली। यह वह दौर था जब गूगल और एपल जैसे टेक्नोलॉजी मार्केट के बड़े प्लेयर मोबाइल और कंप्यूटर का गैप खत्म करने की कोशिश में लगे थे। देविता ने एक नये आइडिया के साथ बिजनेश शुरु करने का फैसला किया। उन्होंने टीवी और सीपीयू के मिक्स कॉम्बिनेशन से VU टीवी की शुरुआत की। उनकी कम्पनी ऐसी एडवांस टीवी बनाती है, जिस पर यू-ट्यूब और हॉट स्टार जैसे ऐप का भी आनन्द लिया जा सकता है।

भारत में 10 लाख से ज्यादा कस्टमर्स

इन्हें टीवी कम कंप्यूटर माना जाता है। फिर कंपनी कॉरपोरेट यूज के अलावा हाई डेफिनेशन टीवी भी बनाने लगी जो एंड्राएड पर भी चल सकती है। देविता ने महज 24 साल की उम्र में अपनी कंपनी की शुरुआत की थी। शुरुआती दिनों में काफी स्ट्रगल करना पड़ा। पर समय गुजरने के साथ कंपनी को फायदा भी हुआ। 2012 में कंपनी प्रॉफिट में आई। तब टर्नओवर 540 करोड़ तक था। उसके बाद देविता का बिजनेस लगातार बढ़ता गया। अब उनकी टीवी दुनिया भर के 60 देशों में जाती है। देश में ही कस्टमर्स की संख्या 10 लाख पार कर गई है।

कंपनी खड़ा करने में परेशानियों का करना पड़ा सामना

कंपनी को खड़ा करने के लिए देविता को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले लोग लड़की होने की वजह से उन्हें गंभीरता से नहीं लेते थे। पर उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और अपनी कंपनी खड़ी कर दी। उनकी सफलता के बाद अब लोगों को लगता है कि बेटियां भी बिजनेस इम्पायर खड़ा कर सकती हैं। देविता सराफ साल 2017 में पीएम मोदी के साथ यंग सीईओ की बैठक में भी शामिल हुई थीं।

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