केदारनाथ में यदि आप ध्यान, योग के साथ कुछ समय एकांत में व्यतीत करना चाहते हैं, तो अब ये संभव है। केदारनाथ मंदिर से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर ध्यान साधना के लिए रुद्र गुफा यानी ध्यान गुफा बनकर तैयार हो गई है। साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से पहाड़ी शैली में इस गुफा को तैयार किया गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से इस गुफा में रहने-ठहरने और शौचालय आदि की पूरी व्यवस्था कराई गई है। ध्यान लगाने के लिए नितांत प्रकृति की गोद में बनाई गई ये एक आधुनिक गुफा है।

रुद्र गुफा से केदारनाथ मंदिर और भैरव नाथ मंदिर के दर्शन होते हैं। स्थानीय पत्थरों से इसका निर्माण किया गया है। इसके प्रवेश द्वार पर लकड़ी का एक दरवाजा भी लगाया गया है। यहां विश्राम के लिए बिस्तर के साथ बिजली, पानी की पूरी व्यवस्था है। इसके साथ ही आपको सुबह की चाय, नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम की चाय और रात्रि भोजन की भी पूरी व्यवस्था की गई है। ताकि यहां समय व्यतीत करने के दौरान आपको किसी किस्म की कोई चिंता न रहे। वैसे तो गुफा को एकदम एकांत में बसाया गया है। लेकिन यदि कोई मुश्किल आन पड़े तो एक एसआईपी फोन के जरिये आप गढ़वाल मंडल विकास निगम के मैनेजर से किसी भी समय बात कर सकते हैं। मेहमान की खातिरदारी के लिए यहां एक कर्मचारी की भी व्यवस्था की गई है।

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मेडिकल चेकअप के बाद ही मिलेगी रहने की इजाजत

यदि आप ध्यान लगाने के लिए इस गुफा को चुनते हैं तो कुछ नियमों की जानकारी जरूर होनी चाहिए। कम से कम तीन दिनों के लिए गुफा की बुकिंग कराई जा सकती है। गुफा का किराया 990 रुपये प्रतिदिन है। एक समय खाने के लिए अतिरिक्त भुगतान देना होगा। बुकिंग से दो दिन पहले जीएमवीएन के गुप्तकाशी कार्यालय में संपर्क करना होगा। यहां आपका मेडिकल चेकअप भी किया जाएगा। स्वस्थ्य रहने पर ही आपको गुफा में रहने की इजाजत मिल सकती है। गुफा में एक समय में सिर्फ एक व्यक्ति ही रह सकता है। एक बार आपने गुफा बुक कर ली तो फिर उसे कैंसिल नहीं कर सकते। गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट पर जाकर आप यहां की बुकिंग करा सकते हैं।

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा थी गुफा

यहां पॉलीथिन या किसी भी तरह का पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। लाइट-फैन, गीजर, हीटर को बंद करना आपकी जिम्मेदारी होगी। पानी बर्बाद न करें, कचरा कूड़ेदान में डालें जैसी हिदायतें भी दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2017 में केदारनाथ में पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था। उस समय उन्होंने योग, साधना और आध्यात्म के लिए केदारपुरी में गुफाओं के निर्माण की भी बात कही थी। प्रधानमंत्री खुद समय-समय पर यहां चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हैं।  

केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम करने वाले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने इस गुफा का निर्माण किया। गढ़वाल मंडल विकास निगम को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वैसे केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के किनारे गरुड़ चट्टी में प्राकृतिक गुफा भी है। ध्यान और साधना की दृष्टि से ये गुफा साधु-संतों और इसमें रुचि रखनेवाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। 

पीएम नहीं हैं ध्यान गुफा में ठहरने वाले पहले शख्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ की रुद्र गुफा इस साल पहली बार तीर्थयात्रियों के लिए खोली गई। सबसे पहले महाराष्ट्र के जय शाह ने यहां तीन दिन तक ध्यान किया है। वह  9 से 11 मई तक गुफा में रहे। हालांकि बहुत ज्यादा बर्फ होने के कारण उन्होंने रात का समय केदारपुरी में बने कॉटेज में बिताया। अब पीएम मोदी इस गुफा में ध्यान लगाने के लिए जा रहे हैं। 

केदारपुरी में तीन गुफाओं का होना है निर्माण

जिला प्रशासन केदारपुरी में तीन और गुफाओं के निर्माण की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जगह का चयन चल रहा है। मंदाकिनी और सरस्वती नदी किनारे तथा गरुड़चट्टी में गुफाओं के निर्माण की योजना है। यहां कुछ प्राकृतिक गुफाएं भी हैं।