लखनऊ। यूपी ने 'राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025' के मौके पर 35,489 गर्ल चाइल्ड के जन्म का जश्न मनाकर एक मिसाल कायम की है। यूपी में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत 'कन्या जन्मोत्सव' का आयोजन किया गया था। जिसके द्वारा सोसाइटी में लड़कियों के अधिकारों, सम्मान, और समानता को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।

कन्या जन्मोत्सव की शुरुआत

2008 में शुरू हुई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत यूपी सरकार ने 'कन्या जन्मोत्सव' इनिशिएटिव की शुरूआत की। ताकि बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाकर समाज में लड़कियों के जन्म पर पॉजिटिव मेंटलिटी को प्रोत्साहित किया जा सके। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित 3,822 कार्यक्रमों में 35,489 नवजात बच्चियों के जन्म का जश्न मनाया गया। नवजात बच्चियों को बधाई कार्ड, बेबी किट, मिठाइयां, और ऊनी कपड़े देकर सम्मानित किया गया। हर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को ये कार्यक्रम जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर आयोजित किए जाते हैं।

क्यों बना यह प्रोग्राम इंस्पिरेशन?

यह प्रोग्राम लैंगिक असमानता के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। गवर्नमेंट स्कीम जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बाल सेवा योजना को इस प्रोग्राम में शामिल किया गया, ताकि सोसाइटी में उनका प्रभाव बढ़े। समाज की पुरूष प्रधान माइंडसेट को समाप्त करने के लिए सामुदायिक भागीदारी इंश्योर की गई।

बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए क्या प्रयास?

मेधावी बालिकाओं को प्रतीकात्मक रूप से जिलाधिकारी (DM) और मुख्य विकास अधिकारी (CDO) का प्रभार देकर उन्हें प्रशासनिक सेवाओं के लिए प्रेरित किया गया। सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।  साल 2023 में एक ही दिन में उत्तर प्रदेश में 95 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उसमें 1,707 नवजात बच्चियों के जन्म का उत्सव मनाकर एक साथ जागरूकता का संदेश दिया गया था।

केंद्र सरकार ने की सराहना

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के 10 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित प्रोग्राम में केंद्र सरकार ने इस इनिशिएटिव की सराहना की। इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल बताया गया।

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