नयी दिल्ली। साल 2023-24 में शेयर मार्केट में लिस्टेड 6000 कम्पनियों में से 1196 में सिर्फ 90,800 लोगों को ही रोजगार मिला है। बैंक आफ बड़ौदा की रिपोर्ट बताती है कि साल 2022-23 में 3.34 लाख लोगों को एम्प्लॉयमेंट मिला था। देखा जाए तो साल भर में 2.43 लाख नौकरियां कम हुई। यह आंकड़ें कंपनियों में पेरोल पर काम करने वालों के हैं। इनमें दिहाड़ी और ठेका मजदूरों का आंकड़ा शामिल नहीं है।

2022-23 में  5.7 फीसदी ज्यादा नौकरी

रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में भर्तियों में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी, जबकि 2022—23 में  5.7 फीसदी ज्यादा लोगों को नौकरी मिली थी। 1196 कंपनियों में से सिर्फ 700 ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई। 375 कंपनियों में छंटनी की गई और 121 कंपनियों के रोजगार के आंकड़ों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

2022-23 में क्यों बढ़ा था रोजगार?

साल 2022-23 में रोजगार बढ़ने की वजह भी खास थी। दरअसल, कोरोना महामारी के बाद यह सामान्य कारोबारी गतिविधियों का पहला फाइनेंशियल ईयर था। बिजनेस एक्टिविटी बढ़ी तो कंपनियों ने बड़े पैमाने पर लोगों की भर्तियां की। 2023-24 में कारोबारी गतिविधियों को उतनी ग्रोथ नहीं मिली। जिसकी उम्मीद की जा रही थी। इसी वजह से 2023—24 में रोजगार के अवसरों में कमी दर्ज की गई।  

किस सेक्टर में कितना रोजगार?

आईटी सेक्टर: 25 फीसदी
बैंकिंग सेक्टर: 22 फीसदी
खुदरा बाजार: 19.4 प्रतिशत
ट्रेडिंग: 16.2 प्रतिशत
इन्फ्रा: 15.8 प्रतिशत

इस सेक्टर ने दिए 1.58 करोड़ रोजगार

देश में आनलाइन सेक्टर के कारोबारियों ने कुल 1.58 करोड़ लोगों को इम्पलॉयमेंट दिया है। उनमें 35 लाख महिलाएं शामिल हैं। दिल्ली स्थित नीति अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, आफलाइन की तुलना में आनलाइन बिजनेस में 54 फीसदी अधिक लोगों को रोजगार​ मिलता है। देश में लोगों को रोजगार देने के मामले में ई-कॉमर्स अव्वल है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह रिपोर्ट जारी की। 

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