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दिवाली पर इन 5 जगहों पर चरम होती है तंत्र साधना,भूलकर भी न रखें कदम

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दिवाली के दिन काला जादू

लोगों के लिए दिवाली दीपों का त्योहार है तो तंत्र साधकों के लिए तंत्रसाधना का। दिवाली के दिन जादू-टोना किया जाता है, आज हम 5 जगहों के बारे में बताएंगे जो काला जादू के लिए फेमस हैं। 

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कामाख्या देवी मंदिर

कामाख्या देवी मंदिर भारत का ऐसा मंदिर है, जहां साल भर तंत्र-मंत्र की साधना होती है। कहा जाता है, यहां पर टोने टोटके से लेकर भूत पिचास तक का इलाज होता है। 

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मणिकर्णिका घाट

वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट तंत्र या काले जादू की साधना का बड़ा केंद्र है। यहां पर काला जादू की क्रियाओं पर मनाही है लेकिन इसके बाद भी लोग काला जादू,तंत्र-मंत्र का सहारा लेते हैं। 

 

 

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कुशाभद्र नदी के घाट

कुशाभद्र नदी ओडिशा में स्थित है। इस नदी के घाटों पर इंसानी हड्डियां आसानी से मिल जाती है, कहा जाता है यहां सुनससान पड़े घाटों पर तंत्रसाधना की जाती है। दिवाली पर ये चरम पर होती है। 

 

 

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निमलता घाट

कोलकाता का निमलता घाट भी तंत्र साधना के लिए जाना जाता है। लोगों की मानें तो यहां रात में सन्नाटा होने पर अघोरी तंत्र साधना के लिए घाट आते हैं और सवेरा होने तक तंत्र-मंत्र करते हैं। 

 

 

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मयोंग गांव

असम का मयोंग गांव मुगलों-अग्रेंजों के वक्त से तंत्र साधना के लिए जाना जाता है। कहा जाता हैं, यहां के लोग किसी को भी वश में कर सकते हैं। दिवाली पर ये तंत्र साधना चरम पर होती है। 

 

 

 

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माई नेशन नहीं करता सटीकता की पुष्टि

इस स्टोरी में बताई गई सारी जानकारी मान्यताओं और लेखों पर आधारित हैं। हमारा उद्देश्य आपको चीजों से रुबरू कराना है। माई नेशन इस खबर की सटीकता और विश्वनीयता की पुष्टि नहीं करता है।  

 

 

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