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Dussehra 2023: इन 5 जगहों पर नहीं मनाया जाता रावण की मौत का जश्न

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इन जगहों पर होता है रावण के मरने का शोक

दशहरा के दिन लंकापति रावण का वध कर श्रीराम ने विजय हासिल की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कई ऐसे स्थान भी है जहां रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है। 
 

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मांडसौर

एमपी के मांडसौर को मंदोदरी का जन्म स्थान माना जाता है। यहां के लोग रावण को दामाद मनाते हैं। रावण दहन पर यहां शोक मनाया जाता है। 

 

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बिसरख

मान्यता है कि यूपी के बिसरख गांव में रावण का जन्म हुआ था। यहां के लोग रावण को पूर्वज मान दशहरा पर उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

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कांगड़ा

उत्तराखंड के कांगड़ा में मान्यता है कि इस जगह पर लंकापति ने भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया था। इस वजह से यहां रावण दहन नहीं किया जाता है

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मंडोर

मान्यता है, राजस्थान के मंडोर में मंदोदरी से रावण ने विवाह किया था। यहां पर भी रावण को दामाद माना जाता है। इसलिए मंडोर में भी पुतला दहन की परंपरा नहीं है।
 

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गड़चिरोली

महाराष्ट्र के गड़चिरोली के गोंड जनजाति के लोग खुद को रावण वंशज मानते हैं और रावण की पूजा करते हैं।


 

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