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आपने देखा होगा कि जब भी प्यार की बात आती है तो लाल रंग ही पसंद किया जाता है। प्यार के मामले में इसी रंग का सबसे ज्यादा जिक्र होता है।
वैसे देखा जाए तो लाल रंग एक तरह से प्यार का प्रतीकात्मक रंग बन गया है। आइए जानते हैं इसके पीछे के मनोवैज्ञानिक कारण।
लाल रंग में अट्रैक्शन होता है। ये रंग आंखों के सामने आने पर सकून महसूस होता है।
लाल रंग यदि आसपास से भी गुजरता है तो लोगों का ध्यान उस तरफ जरूर जाता है। इसी वजह से मनौवैज्ञानिक रूप से इसे लव के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
वैसे इंसान के रगो में बहने वाले खून का रंग भी लाल ही होता है, जो जीवंतता को दर्शाता है।
आपने कविताओं में प्रेमी-प्रेमिका को लाल रंग के फूलों से सजे बाग में ही अठखेलियां करते सुना होगा। सदियों से कवियों की कल्पनाओं में भी प्यार का प्रतीक रेड कलर ही है।
धार्मिक नजरिए से दखा जाए तो लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। शुभ कार्यक्रमों में लाल रंग के वस्त्र पहनने का विधान है। सुहागिन के सिंदूर का रंग भी लाल होता है।