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कनाडा की मिन्नतों के बाद भी भारत अपने फैसले पर अड़ा रहा। आखिरकार कनाडा को अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडाई विदेश मंत्री मेलानियो जॉली की विदेश मंत्री एस जयशंकर से सीक्रेट मुलाकात भी भारत का रूख नहीं बदल पाया।
भारत ने साफ किया है कि कनाडा में देश के जितने डिप्लोमेट्स हैं, उतने ही कनाडाई डिप्लोमेट्स ही देश मे रहेंगे।
एक पूर्व राजनयिक का कहना है कि ऐसा 40 से 50 वर्षों में पहली बार हो रहा है। ऐसा सोवियत संघ ने भी नहीं किया।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के हाथ होने का बेबुनियाद आरोप लगाया था।
कनाडा के आरोप पर भारत ने कनाडा को 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था।
भारत के सख्त रूख के बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कहा कि कनाडा भारतीय राजनयिकों के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करने जा रहा है।