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नए नियम के मुताबिक सिम बेचने वाले डीलर्स को पुलिस वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी टेलिकॉम ऑपरेटर की होगी।
अगर सरकार के नियमों की अनदेखी करके कोई सिम बेचता पकड़ा गया तो उसे पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं सरकार ने वेरिफिकेशन के लिए 12 महीने का वक्त दिया है।
अगर कोई कस्टमर पुराने नंबर पर नया सिम खरीदना चाहता है तो उसके आधार पर क्यूआर कोड को स्कैन करके डेमोग्राफिक डाटा भी अब कलेक्ट किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नए नियम के मुताबिक अब सिम डीलर्स को भारी मात्रा में सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे। इसके लिए सरकार बिजनेस कनेक्शन का प्रावधान लेकर आई है।
नए नियमों में यह भी कहा गया है कि अगर कोई शख्स अपना सिम कार्ड बंद करवाता है तो वह नंबर 3 महीने बाद दूसरे ग्राहक को जारी किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए सिम कार्ड निय के बारे में कहा कि साइबर फ्रॉड और फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए सरकार ने यह नियम जारी किए हैं।
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए अभी तक सरकार ने 52 लाख से ज्यादा कनेक्शन को ब्लॉक किया है।