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भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जिस इंटरेस्ट रेट पर बैंकों को लोन दिया जाता है उसे ही रेपो रेट कहा जाता है। आरबीआई की कमेटी इसे तय करती है।
आऱबीआई की ओर से शुक्रवार को रेप रेट की घोषणा की है लेकिन इसबार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पांच बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को रेपो रेट की घोषणा कर दी गई है। ऐसे में रेपो रेट पिछली बार की तरह 6.5 फीसदी ही बरकरार रखा गया है।
फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के साथ उसे 6.5 फीसदी किया था। इसके बाद से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई की कमेटी ने महंगाई दर में नरमी को देखते हुए रेपो रेट को कम नहीं करने का फैसला लिया है।
आरबीआई के रेपो रेट में गिरावट नहीं होने से आम लोगों को बैंकों से भी बढ़ी दरों पर ही लोन मिल पाएगा। ऐसे में सस्ती ब्याज दर पर लोन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
रेपो रेट बढ़ने से होम लोन और ईएमआई पर भी प्रभाव पड़ता है। रेपो रेट कम होने से होमलोन की ईएमआई घटती है जबकि बढ़ने ईएमआई में बढ़ोतरी होती है।