Pride of India
डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारत के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। 1991 में देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले कई ऐतिहासिक कदम उठाए, जिन्होंने भारत के भविष्य को नया आकार दिया।
2005 में लागू हुई मनरेगा योजना ने ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया। ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास में मील का पत्थर।
2009 में शुरू हुई आधार योजना ने हर नागरिक को एक यूनिक आईडी प्रदान की। यह डिजिटल पहचान सरकारी योजनाओं को सीधे लोगों के बैंक खातों तक पहुंचाने का साधन बनी। क्रांतिकारी बदलाव लाया।
2010 में लागू किया गया शिक्षा का अधिकार अधिनियम 6-14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की गारंटी देता है। इसने शिक्षा में असमानता को खत्म किया और स्कूल छोड़ने की दर कम हुई।
2013 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हुआ। गरीब परिवारों को 1-3 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं, चावल और मोटा अनाज उपलब्ध कराया, जो लाखों गरीब परिवारों को भूख से बचाने का आधार बना।
1991 में वित्त मंत्री के रूप में लाए गए लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन (LPG) सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।