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केरल के इस जिले को UNESCO ने चुना भारत का पहला 'साहित्य शहर', जाने वजह

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केरल के इस जिले की क्या है खासियत

केरल के कोझिकोड जिले ने खुद को एक प्रतिष्ठित खिताब दिलाया है। यूनेस्कों ने इस जिले को भारत का पहले साहित्य शहर का पुरस्कार दिया है।

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यूनेस्को ने कब दिया सम्मान?

यूनेस्को ने नवंबर 2023 में इस खूबसूरत समुद्र तटीय शहर को लिखित शब्द के पोषण के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए यह सम्मान दिया।
 

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कोझिकोड भारत के अन्य साहित्यिक केंद्रों से अलग क्या है? आइए जानें।


 

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देश के कई प्रसिद्ध साहित्यकार रहते हैं यहां

यह भारत के कई सबसे प्रसिद्ध लेखकों का घर है, जिनमें  MT भी शामिल हैं। वासुदेवन नायर, वैकोम मुहम्मद बशीर और एस.के. पोट्टेक्कट्ट जैसे साहित्य लेखकों का यहां घर है। 
 

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सहित्य की खदान कहा जाता है ये शहर

इसमें एक जीवंत थिएटर परंपरा, कई प्रकाशन गृह और किताब की दुकानें हैं, और यह प्रतिष्ठित केरल साहित्य महोत्सव की मेजबानी करता है।

 

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ये है देश में सबसे ज्यादा लाइब्रेरी वाला शहर

पर्सनल कलेक्शन को छोड़कर 550 पुस्तकालयों के साथ, कोझिकोड में भारत में लाईब्रेरियों की संख्या सबसे अधिक है।
 

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साहित्य संस्कृति का घर माना जाता है ये जिला

यह जनता के बीच गहरी जड़ें जमा चुकी पढ़ने की संस्कृति का भी घर है। 'कोलाया संस्कृति' शब्द साहित्यिक सब्जेक्टों पर चर्चा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शहर के बरामदों को रेफर करता है।

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इस टीम ने खोजी साहित्य की समृद्ध परंपरा

NIT-कालीकट टीम ने लोकल पाककला साहित्य की एक समृद्ध परंपरा की खोज की। विभिन्न प्रकार की कुकबुक से लेकर फूड साइंस रिसर्ज और ट्रवेल्स फूड राईटिंग को कागजों पर उतारा।

 

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यहां लगने वाला है बड़ा साहित्य पुस्तक मेला

कोझिकोड में एक साहित्य संग्रहालय (Literary museum), एक पढ़ने की सड़क, और एक बच्चों का साहित्य उत्सव जल्द ही आ रहा है।

 

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