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हम अपने मकान को मजबूत और सुरक्षित रखने के लिए हर मुमकिन कदम उठाते हैं, बावजूद इसके भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से इसे सेफ रखना मुश्किल होता है।
होम इंश्योरेंस से हम प्राकृतिक आपदाओं से मकान को एक सेफ्टी कवर दे सकते हैं। अब ये सवाल उठता है कि होम इंश्योरेंस कैसे मिलता है और इसे लेते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
ICICI लोम्बार्ड जीआईसी के चीफ (अंडरराइटिंग एंड क्लेम्स प्रॉपर्टी एंड कैजुअल्टी) गौरव अरोड़ा के मुताबिक होम इंश्योरेंस जनरल इंश्योरेंस का ही एक रूप है जो आपके घर को कवर करता है।
इसके साथ ही घर के अंदर किसी भी इंश्योर्ड संपत्ति को हुए नुकसान की लागत को भी इस इंश्योरेंस से कवर मिलता है। यह बीमाधारक को किसी आपदा में फाइनेंशियल कवर उपलब्ध कराता है।
होम इंश्योरेंस उस पॉलिसी में दिए गए बीमा राशि (सम एश्योर्ड) के 100 फीसदी तक भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से कवर सुनिश्चित करता है।
होम इंश्योरेंस पॉलिसी किसी भी जनरल इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट या एजेंट के जरिए ले सकते हैं। इसके लिए घर और घर में रखे सामानों की कीमत के साथ अपने KYC डिटेल की जरूरत होती है।
गौरव अरोड़ा के मुताबिक मुख्य रूप से होम इंश्योरेंस कवर से इनकार नहीं किया जाता है, लेकिन बिल्डिंग पुरानी होने की स्थिति में बीमा कंपनी रिस्क लेने से मना कर सकती है।
कोई भी व्यक्ति जो होम इंश्योरेंस चाहता है, उसे अपनी संपत्ति और उसमें मौजूद सामानों के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कवर लेना चाहिए।
एक्सपर्ट का कहना है, क्लेम की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा के लिए व्यक्ति को घर के कंस्ट्रक्शन की मौजूदा दर के मुताबिक अपनी बीमा राशि (सम एंश्योर्ड) लेनी होगी।
इसके अलावा पॉलिसी जारी करने, सर्विसिंग और क्लेम के मामले में बीमा कंपनी के डिजिटल फुटप्रिंट पर भी गौर करना चाहिए। आजकल हर कंपनी ऑनलाइन प्रोडक्ट उपलब्ध कराती हैं।