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भेड़ियों की एक खूबसूरत खासियत यह है कि वे जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते हैं। वे अपने परिवार के प्रति बेहद वफादार होते हैं और अपने साथियों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखते हैं।
भेड़िये अकेले नहीं, बल्कि झुंड में रहते हैं। यह झुंड उनके परिवार की तरह होता है। हर झुंड में एक अल्फा जोड़ी होती है, जो नेतृत्व करती है, जबकि बाकी सदस्य उनकी देखरेख में रहते हैं।
भेड़ियों की "हाउलिंग" सिर्फ शिकार के लिए नहीं होती, बल्कि संवाद का तरीका भी है। एक भेड़िया आवाज़ निकालकर अन्य भेड़ियों को उनके स्थान का पता बताता है और झुंड को एक साथ बुलाता है।
भेड़िये 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से दौड़ सकते हैं, जो उन्हें अपने शिकार का पीछा करने में मदद करती है। उनकी इस गति और ताकत से वे अपने शिकार को कभी भी आसानी से पकड़ सकते हैं।
भेड़िये बेहद चतुर और बुद्धिमान होते हैं। वे शिकार के दौरान रणनीति बनाते हैं और योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं। वे अपने शिकार को घेरते हैं और बड़ी चालाकी से उसे मात देते हैं।
भेड़िये केवल तेज नहीं, बल्कि बेहद सहनशील भी होते हैं। वे लंबी दूरी तक बिना थके दौड़ सकते हैं, जिससे उन्हें कई किलोमीटर दूर से भी अपने शिकार का पीछा करने में मदद मिलती है।
झुंड में हर भेड़िये की अपनी भूमिका होती है। अल्फा जोड़ी झुंड का नेतृत्व करती है, जबकि अन्य भेड़िये समूह को भोजन, सुरक्षा और गाइडेंस देते हैं।
भेड़िये ठंड के मौसम में भी एक्टिव रहते हैं। उनके शरीर पर मोटी फर की परत होती है, जो उन्हें कड़ाके की सर्दियों में गर्म रखती है। झुंड साथ रहकर भी ठंड से बचने का तरीका ढूंढ लेता है।
भेड़िये मांसाहारी होते हैं, लेकिन वे कई तरह के शिकार करते हैं, जिनमें बड़े जानवर जैसे हिरण, भैंस और छोटे जानवर भी शामिल होते हैं। वे बहुत कुशल शिकारी होते हैं।
भेड़िये अपने बच्चों को जन्म देते हैं, तो वे उन्हें गुफाओं में छिपाकर रखते हैं और जब तक वे बड़े नहीं हो जाते, तब तक उनकी सुरक्षा करते हैं। भेड़ियों में पैरेंटस का भाव सशक्त होता है।