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भारतीय स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा डेली लाइफ से जुड़ी कॉमेडी के लिए जाने जाते हैं।
सोशल मीडिया पर सरकार की व्यंगात्मक आलोचनाओं के लिए भी मशहूर हैं।
कुणाल कामरा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट का विरोध किया था। इसे अभिव्यक्ति और विचारों की स्वतंत्रता पर गैरवाजिब प्रतिबंध लगाने वाला बताया था।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी रिट में कहा था कि इससे ऑलनाइन कंटेंट पर सरकारी सेंसरशिप लग जाएगी। सरकार को मौका मिल जाएगा कि ऑनलाइन क्या पेश किया जाएगा।
हालांकि केंद्र सरकार के ऑफिशियल फैक्ट-चेक यूनिट के नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट मार्च में ही स्टे लगा चुका है। उसी मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के टाईब्रेकर जज का फैसला आया है।
HC के जस्टिस जेएस चंदूरकर ने 'टाईब्रेकर ऑपिनियन' देते हुए केंद्र सरकार की प्रस्तावित फैक्ट चेक यूनिट को संविधान के विरुद्ध बताया है। जिसके बाद रिवाइज आईटी नियम रद्द हो गए हैं।
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 31 जनवरी, 2024 को इस मामले में बंटा हुआ फैसला दिया था।