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महाकुंभ जाने के लिए शाही स्नान के दिन चुनें। हालांकि, इन दिनों भारी भीड़ होती है, इसलिए शनिवार—रविवार को जाने से बचें। शाही स्नान 29 जनवरी, 3 फरवरी, 12 फरवरी और 26 फरवरी को होंगे।
महाकुंभ में शाही स्नान के दिन पहले साधु-संतों के स्नान होते हैं। इसके बाद ही आप संगम में डुबकी लगाएं।
टेंट सिटी में ठहरने के इच्छुक हैं, तो बुकिंग पहले से करें। ठगी से बचने के लिए बुकिंग सिर्फ आधिकारिक यूपी टूरिज़्म वेबसाइट https://upstdc.co.in/Web/kumbh2025 से ही करें।
शाही स्नान के दिन आपको ज्यादा चलने की आवश्यकता हो सकती है, जो 10-15 किलोमीटर तक हो सकता है। इसलिए सिर्फ जरूरी सामान ही साथ रखें और बैग को हल्का रखें।
महाकुंभ में स्नान के लिए हमेशा अधिकृत घाटों का चयन करें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए पहचान बैंड या आईडी कार्ड पहनाना न भूलें।
प्रयागराज महाकुंभ में जाते समय अपना पहचान पत्र, होटल या लॉज का नाम और बुकिंग से जुड़ी सारी डिटेल्स साथ रखें। साथ ही, दवाइयां और खाने का सामान भी ले जाएं।
अगर आपका कोई परिवारिक सदस्य कुंभ में बिछड़ जाए, तो प्रयागराज के डिजिटल खोया-पाया केंद्र में संपर्क करें या हेल्पलाइन नंबर 1920 पर कॉल करें।
महाकुंभ में स्नान के बाद, आप यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे हनुमान जी का मंदिर, वेणी माधव मंदिर, अक्षयवट मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, और अलोपी माता मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
स्नान करते समय साबुन, शैंपू, या डिटर्जेंट का उपयोग न करें, क्योंकि इससे गंगा नदी की शुद्धता पर असर पड़ता है।
महाकुंभ में भारी भीड़ रहती है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित तरीके से यात्रा करें और खुद को भीड़ से बचाकर रखें। जरूरत पड़ने पर हमेशा इमरजेंसी सेवाओं का सहारा लें।