घर के भोजन को प्रसाद के रूप में खाने से क्या फायदे होते हैं?
utility-news Nov 15 2024
Author: Rajkumar Upadhyaya Image Credits:Facebook
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प्रेमानंद महाराज ने बताए फायदे
क्या आप जानते हैं कि घर के भोजन को प्रसाद के रूप में खाने से क्या फायदे होते हैं? प्रेमानंद महाराज ने इसके अद्भुत फायदों के बारे में बताया है। आइए जानते हैं।
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प्रसाद से ज्यादा टेस्टी वस्तु कोई नहीं
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि प्रसाद से बढ़कर स्वादिष्ट कोई वस्तु नहीं होती है। मंदिर में एक छोटा पेड़ा का टुकड़ा मिल जाए तो उसे ग्रहण कर दिल प्रसन्न हो जाता है।
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सत्यनारायण कथा के चरणामृत का स्वाद अलग
वह कहते हैं कि गांव में सत्यनारायण कथा के समय पंजीरी बंटती थी। घर में 10 से 12 लीटर दूध है, सब व्यवस्था है। पर उस पंजीरी और चरणामृत का स्वाद अलग है।
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प्रसाद खाने के बाद दोबारा ग्रहण करने का होता है मन
उनका कहना है कि जब नारायण को भोग लगता है तो थोड़ी सी पंजीरी, चरणामृत या पंचामृत मिलता है, उसे ग्रहण कर ऐसा लगता है कि दोबारा लाइन में खड़े हो जाते।
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घर के भोजन को प्रसाद रूप में खाने से आसक्ति नहीं
प्रेमानंद जी कहते हैं कि प्रसाद में एक अलौकिक स्वाद होता है। यदि हम अपने घर के भोजन को प्रसाद बना कर खाएं तो हमारे हृदय में उसकी आसक्ति नहीं रहेगी।
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भगवत प्रसाद में सभी दुखों का नाश करने का सामर्थ्य
वह कहते हैं कि समस्त दुखों का नाश करने की सामर्थ्य भगवत प्रसाद में होती है। भगवान की प्रीति देने में भगवान का प्रसाद समर्थ है।
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नहीं होगी अकाल मृत्यु
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि चरणामृत रोज पीने से अकाल मृत्यु नहीं होगी और पुर्नजन्म जन्म नहीं होगा। इन्हीं के बल पर हम माया पर विजय प्राप्त करते हैं।