नई दिल्ली: बिहार में राज्यपाल के तौर पर फागू चौहान की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति भवन ने अधिसूचना जारी कर दी है। वह यूपी भाजपा का बड़ा ओबीसी चेहरा माने जाते हैं। 

फागू चौहान उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में घोसी विधानसभा क्षेत्र से छह बार जीतने वाले एकमात्र विधायक हैं। इस समय भी वह वहीं से विधायक हैं। 

फागू सिंह चौहान ने अपना राजनीतिक करियर 1985 से शुरु किया था। इसी साल वह चौधरी चरण सिंह की दलित मजदूर किसान पार्टी से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग पार्टियों से कई बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 

साल 2017 में उन्होंने घोसी से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और अपने करीबी उम्मीदवार बीएसपी के अब्बास अंसारी को  हराया। 

फागू चौहान 1991 में जनता दल से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1996 और 2002 में भी वे विधायक बने. फिर बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया और 2007 में विधानसभा चुनाव भी जीते। 2017 का विधानसभा चुनाव फिर बीजेपी से लड़े और विधायक बने.

फागू चौहान की पत्नी का नाम मुहारी देवी है और इनके 3 लड़कियां और 4 लड़के हैं.  फागू चौहान का अपना व्यवसाय भी है। वह उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन भी हैं।  जनपद के लोकप्रिय व जनाधार वाले विधायकों में गिने जाने वाले श्री चौहान पिछड़े वर्ग के प्रभुत्व वाले नेताओं में आते हैं।

फागू चौहान मूलत: आजमगढ़ जनपद के शहर से लगे गांव शेखपुरा बद्दोपुर के रहने वाले हैं। 1997 में उन्हें रामप्रकाश गुप्त एवं राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में संस्कृति, धर्मस्व तथा पशुधन एवं मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया। वर्ष 2002 में चौदहवीं विधानसभा में फागू चौहान चौथी बार भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए और बसपा के साथ बनी गठबंधन की सरकार में कारागार एवं जेल सुधार मंत्री बने।

फागू चौहान 2006 में वे बसपा में शामिल हो गए तथा 2007 में बसपा के टिकट पर जीतकर मुख्यमंत्री मायावती के मंत्रिमंडल में परिवार कल्याण मंत्री और बाद में राजस्व मंत्री बने। 

 2012 के चुनाव में वे सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह से हार गए थे। वर्ष 2014 में मोदी लहर पुन: भाजपा में वापसी किए और वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे। 

इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के दौरान उन्हें राज्य पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष बना कर काबीना मंत्री का दर्जा प्रदान किया।

फागू चौहान के बिहार के राज्यपाल के तौर पर मनोनयन की खबर मिलते ही घोसी इलाके में उनके समर्थकों के बीच खुशियों की लहर दौड़ गई और उन्होंने सार्वजनिक रुप से मिठाईयां बांटी।