भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस फिर शुरू हो गई है। समझौता एक्सप्रेस 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई थी। अटारी से लेकर लाहौर तक रेल मार्ग पहले से मौजूद था, इसलिए समझौता एक्सप्रेस को शुरू करने में कोई विशेष रुकावट नहीं आई। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले और फिर 26 फरवरी को भारत की ओर से पाकिस्तान के बालाघाट में हुई कार्रवाई के बाद दोनों  देशों में तनाव कायम है। इस बीच भारत-पाकिस्तान मित्रता को दर्शाने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन रविवार को फिर बहाल कर दी गई, लेकिन यह ट्रेन में सिर्फ 12 यात्रियों को लेकर पाकिस्तान के लिए रवाना हुई। रेलवे प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, 12 यात्रियों को लेकर रवाना हुई इस ट्रेन में रविवार को सिर्फ पाकिस्तान मूल के निवासी ही थे। 

कब-कब थमे समझौता एक्सप्रेस के पहिये

1. जब अस्सी के दशक में पंजाब आतंकवाद से जूझ रहा था। भारतीय रेलवे ने अटारी में अपनी सेवाएं रोक दी थीं। यहीं कस्टम और इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। 

2. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए 14 अप्रैल 2000 को एक बड़ी पहल की थी। पाकिस्तान और भारत की रेलवे के बीच एक ताजा समझौता हुआ। इसमें समझौता एक्सप्रेस की दूरी को घटाकर तीन किलोमीटर कर दिया गया। पहले यह दूरी 57 किलोमीटर थी। 

3. पहली जनवरी, 2002 को भी समझौता एक्सप्रेस की सेवाएं कुछ समय के लिए रोक दी गई थी। इसके बाद 13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद  पर हमला हो गया था। इसके बाद यह सेवा 15 जनवरी, 2004 को शुरू हो पाई थी। 

4. 27 दिसंबर, 2007 को एक बार फिर इस ट्रेन की सेवाएं रोक दी गईं। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया था। आतंकियों के किसी बड़े हमले की आशंका को रोकने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था। 

5. आठ अक्टूबर, 2012 को दिल्ली आ रही समझौता एक्सप्रेस से वाघा बॉर्डर पर जांच के दौरान 100 किलोग्राम हेरोइन और 500 राउंड कारतूस बरामद हुआ था। इसके बाद यह सेवा कुछ समय के लिए रोक दी गई थी। 

6. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमले के बाद 28 फरवरी, 2019 को समझौता एक्सप्रेस की सेवा रोक दी गई।