कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के बीच विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए आज शाम 6 बजे तक का वक्त दिया है। इसके लिए कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार ने भी हामी दी है। हालांकि सरकार के पास बहुमत नहीं है। हालांकि स्पीकर ने कहा कि अगर बागी विधायक सदन में नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें गैरमौजूद माना जाएगा। लेकिन उसके बावजूद कुमारस्वामी सरकार के पास राज्य में सरकार बनाने के लिए विधायकों का संख्याबल नहीं है।

राज्य में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बचाने के लिए नई चाल चल दी है। उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने आज शाम तक का समय दिया है। कुमारस्वामी सरकार को आज शाम छह बजे तक सदन में अपना बहुमत साबित करना है।

वहीं स्पीकर ने बागी विधायकों को सदन में मौजूद रहने का आदेश दिया है। हालांकि बागी विधायक मुंबई में हैं और सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार उनका सदन में मौजूद रहना जरूरी नहीं है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को सदन में मौजूद रहने का आदेश देकर उन पर दबाव बना दिया है।

आज विधानसभा स्पीकर के फैसले पर कांग्रेस-जेडीएस ने अपनी सहमति जताई है। फिलहाल स्पीकर के फैसले के बाद अब कुमारस्वामी सरकार के पास महज कुछ ही घंटे बचे हैं। हालांकि अगर विधानसभा में विधायकों की संख्या पर नजर डालें तो सरकार के पास सरकार बनाने के लिए संख्याबल मौजूद नहीं है। 

हालांकि स्पीकर रमेश कुमार ने स्वयं कहा है कि कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक विश्वास मत के दौरान सदन में मौजूद नहीं होते हैं तो उन्हें गैरहाजिर मान लिया जाएगा। लिहाजा इस स्थित में कुमारस्वामी सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। इस स्थिति में कुमारस्वामी बिना वोटिंग कराए इस्तीफा दे सकते हैं।

ये है विधायकों का संख्या बल

राज्य की विधानसभा 225 विधायकों की है। इसमें सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों की संख्या 115 है। इनमें कांग्रेस 78, जद (एस) 37, बसपा 1, और अध्यक्ष के अलावा 1 नामित सदस्य है। जो दो निर्दलीय विधायक हैं जो फिलहाल भाजपा के पक्ष में खड़े हैं।

वहीं विपक्षी भाजपा के पास 107 विधायक हैं। यही 15 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होते हैं तो कुमारस्वामी सरकार के पास 100 हो जाएगी। जबकि सदन में सरकार बनाने के लिए 106 विधायकों की जरूरत है। वहीं आज कल से ही बीएसपी का एकमात्र विधायक गायब है। जिसके सदन में मौजूद रहने की कम ही उम्मीद है।