पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को भाजपा और केंद्र सरकार को खुली धमकी देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी को तोड़ने को कोशिशें की गई तो इसके नतीजे गंभीर होंगे। कश्मीर में और सैयद सलाहुदीन, यासीन मलिक पैदा हो जाएंगे। सैयद सलाहुदीन कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना है। वहीं यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख है। 

पार्टी में बढ़ रही बगावत के बीच महबूबा का यह बयान आया है। ऐसी खबरें है कि पीडीपी के कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। 19 जून को भाजपा ने साढ़े तीन साल की गठबंधन सरकार के बाद पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। 

महबूबा ने कहा, हर संगठन में कुछ मतभेद होते हैं, उन्हें दूर करने की कोशिशें हो रही हैं। अगर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई तो उसके परिणाम घातक होंगे। महबूबा ने कहा, 1987 में भी केंद्र सरकार की ओर से पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गई थी। जनता के वोट पर डाका डाला गया था। इसके बाद सैयद सलाहुदीन और यासीन मलिक उठ खड़े हुए थे। अब एक बार फिर ऐसा ही करने की कोशिश की जा रही है। अगर केंद्र की ओर से ऐसा कुछ किया गया तो कश्मीर में और सलाहुदीन, मलिक खड़े हो जाएंगे। 

कश्मीर में 1988 के बाद से ही हथियारबंद संघर्ष तेज हुआ। तब से लेकर अब तक कश्मीर में करीब 15 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस दौरान सेना के लगभग 6,400 जवानों ने अपनी शहादत दी है। आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में 23,500 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं।  

महबूबा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भाजपा तोड़ने पर नहीं जोड़ने पर यकीन करती है। आज जब अलगाववादी अलग-थलग पड़ गए हैं। पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उनका खात्मा हो रहा है, किसी को भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो उनके लिए ऑक्सीजन का काम करे। ऐसे बयान से न कश्मीर का भला होगा न महबूबा की पार्टी का। 

कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए मोदी-महबूबा जिम्मेदारः कांग्रेस

महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि पीडीपी-भाजपा की सत्ता की लालसा के चलते कश्मीर के हालात बदतर हो गए हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती जिम्मेदार हैं। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अभी तक पीएम मोदी की कश्मीर नीति का पता नहीं चल पाया है। वहीं महबूबा लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे बयान दे रही हैं। चुनाव करीब आते ही दोनों दल बयानों की नूराकुश्ती करने लगते हैं। हालांकि इससे कश्मीर की हकीकत नहीं बदलने वाली। कश्मीर में हालात अराजक हो गए हैं।