भारत द्वारा एयर स्ट्राइक और कड़े रूख के बाद पाकिस्तान की दिक्कतें बढ़ी हैं पाकिस्तान भारत से इतना डर गया है कि उसे लगता है कि वह पूरी तरह से कंगाल हो जाएगा। लिहाजा अब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के एशिया प्रशांत संयुक्त समूह के सह अध्यक्ष पद से हटाने का अनुरोध किया है। ताकि पाकिस्तान का पक्ष पारदर्शी तरीके से एफएटीएफ में लिया जा सके।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसलीआ को एक पत्र भेजा है। जिसमें पाकिस्तान ने लिखा है कि पाकिस्तान का पक्ष जानने के लिए इसके सह अध्यक्ष के पद से भारत को हटाना जरूरी है। ताकि पाकिस्तान का पक्ष पारदर्शी तरीके से संस्था में उठाया जा सके। पाकिस्तान का कहना है कि इस पद पर किसी सदस्य देश को एशिया पेसिफिक ज्वाइंट ग्रुप का सह अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए।

पाकिस्तान का तर्क है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते खराब चल रहे हैं और ऐसे में भारत के सह अध्यक्ष रहते हुए उसका पक्ष नहीं सुना जाएगा। पाकिस्तान का कहना है कि हाल में पाकिस्तान के वायु क्षेत्र का उल्लंघन और पाकिस्तानी क्षेत्र में बम गिराया जाना भारत के शत्रुतापूर्ण रवैया का एक और उदाहरण है। पाकिस्तान का कहना है कि उसने एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करना शुरू कर दिया है और पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद समेत प्रतिबंधित संगठनों प्रतिबंधित करने का फैसला किया है।

क्या है एफएटीएफ 

सल में एफएटीएफ एक ऐसी संस्था है जो दुनिया में आतंकवादी फंडिंग पर नजर रखती है। पुलवाम हमले के बाद भारत का कहना है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में रखा जाए। चार दिन पहले पाकिस्तानी वित्त सचिव ने सरकार से कहा था कि अगर एफएटीएफ के सख्त आर्थिक प्रतिबंधों से बचना है तो पाक को जल्द ही आतंकी संगठनों के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। वहीं बैठक में भारत ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की पुरजोर वकालत की थी।